उत्तरकाशी में बादल फटने से धराली गांव में भारी तबाही

उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा का कहर
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक गंभीर प्राकृतिक आपदा ने धराली गांव को प्रभावित किया है। गंगोत्री के निकट हर्षिल घाटी में बादल फटने के कारण खीर गंगा नाले में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे धराली गांव में व्यापक नुकसान हुआ है।
इस आपदा के चलते कई होटल और होमस्टे पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, और कई लोग लापता होने की आशंका जताई जा रही है। अब तक चार लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। आइए जानते हैं धराली गांव के बारे में और इस आपदा के प्रभाव का विस्तृत विवरण।
धराली गांव का महत्व:
धराली, उत्तरकाशी जिले की भटवारी तहसील में स्थित एक सुंदर गांव है। यह हर्षिल घाटी का हिस्सा है और गंगोत्री यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है। यह समुद्र तल से 2,745 मीटर (9,005 फीट) की ऊंचाई पर बसा हुआ है।
धराली, हर्षिल से केवल 7 किमी और उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 79 किमी की दूरी पर स्थित है। उत्तरकाशी से यहां पहुंचने में लगभग ढाई से तीन घंटे का समय लगता है। यह गांव हर्षिल और गंगोत्री के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
धराली की जनसंख्या:
2011 की जनगणना के अनुसार, धराली एक मध्यम आकार का गांव है, जहां 137 परिवार निवास करते हैं। इस गांव की कुल जनसंख्या 583 है, जिसमें 307 पुरुष और 276 महिलाएं शामिल हैं। यह गांव अपनी सादगी और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, लेकिन इस आपदा ने इसकी शांति को भंग कर दिया है।
बादल फटने से आई बाढ़ का प्रभाव:
खीर गंगा नाले में बादल फटने से आई बाढ़ ने धराली गांव में भारी तबाही मचाई। लगभग 20 से 25 होटल और होमस्टे इस बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें से 5 होटल पूरी तरह नष्ट हो गए। धराली बाजार को भी भारी नुकसान हुआ है, और चारों ओर मलबे का ढेर नजर आ रहा है। श्रीखंड से खीर गंगा नाला, जो भागीरथी नदी में मिलता है, इस आपदा का केंद्र रहा। बाढ़ के कारण लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं।
बचाव कार्य और सरकारी प्रतिक्रिया:
आपदाओं के दौरान बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना हमेशा तैनात रहती है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना और नुकसान को कम करना है।
बचाव टीमें दिन-रात प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं। धराली गांव में बादल फटने से हुई इस तबाही ने एक बार फिर प्रकृति की अनिश्चितता को उजागर किया है। प्रशासन और बचाव दलों की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि नुकसान को और कम किया जा सकेगा।