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उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के लिए सख्त खाद्य सुरक्षा नियम

उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए धामी सरकार ने नए खाद्य सुरक्षा नियम लागू किए हैं। अब सभी खाद्य प्रतिष्ठानों को पहचान और लाइसेंस प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की शिकायतों के लिए एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया गया है। जानें इस यात्रा के दौरान क्या-क्या बदलाव हुए हैं और सरकार का क्या लक्ष्य है।
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उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के लिए सख्त खाद्य सुरक्षा नियम

कांवड़ यात्रा के लिए नए नियम

कांवड़ यात्रा: उत्तराखंड में इस वर्ष की कांवड़ यात्रा को लेकर धामी सरकार ने सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए कड़े कदम उठाए हैं। यात्रा मार्ग पर खाद्य व्यवसायों के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। अब कोई भी दुकानदार या फेरीवाला बिना पहचान के व्यापार नहीं कर सकेगा। हर खाद्य प्रतिष्ठान को मालिक का नाम, लाइसेंस और पहचान पत्र स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।


खाद्य सुरक्षा विभाग के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी खाद्य प्रतिष्ठानों, जैसे ढाबे, होटल, ठेले और भंडारे, को मालिक का नाम, लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करना होगा। इसके साथ ही, फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड लगाना भी अनिवार्य है, ताकि श्रद्धालु भोजन की गुणवत्ता और जिम्मेदारी के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर सकें। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और विश्वास को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।


नियमों की अवहेलना पर सख्त सजा


नए नियमों का पालन न करने वाले कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें ₹2 लाख तक का जुर्माना और गंभीर मामलों में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। स्वास्थ्य सचिव एवं खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, “किसी भी हालत में श्रद्धालुओं की सेहत से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।”


निगरानी और जांच में कोई कोताही नहीं


हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें यात्रा मार्ग पर भंडारों, पंडालों और दुकानों से दूध, मिठाई, तेल, मसाले और पेय पदार्थों के नमूने एकत्र करेंगी। यदि कोई नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो संबंधित प्रतिष्ठान को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने चेतावनी दी, “मिलावटखोरों और बिना लाइसेंस कारोबार करने वालों पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।”


शिकायत निवारण के लिए टोल-फ्री नंबर


श्रद्धालुओं और आम जनता की सुविधा के लिए सरकार ने टोल-फ्री नंबर 18001804246 जारी किया है। इस नंबर पर खाद्य गुणवत्ता संबंधी शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। शिकायत मिलने पर प्रशासनिक टीमें तुरंत कार्रवाई करेंगी। साथ ही, प्रत्येक जिले से दैनिक कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।


आस्था और स्वास्थ्य का संतुलन: धामी सरकार ने सभी भंडारा संचालकों, मंदिर समितियों और खाद्य विक्रेताओं से अपील की है कि वे शुद्ध और सुरक्षित भोजन परोसकर श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करें। सरकार का लक्ष्य इस पवित्र यात्रा में आस्था और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखना है।