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उत्तराखंड में बारिश का कहर: बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी

उत्तराखंड में मॉनसून ने एक बार फिर से अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है, जिसके चलते भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन ने सभी 13 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है और स्थानीय निवासियों तथा पर्यटकों से सावधानी बरतने का अनुरोध किया है। जानें इस स्थिति में प्रशासन की तैयारी और यात्रियों को हो रही कठिनाइयों के बारे में।
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उत्तराखंड में बारिश का कहर: बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी

उत्तराखंड में मॉनसून का प्रभाव

उत्तराखंड में बारिश: संभावित बाढ़ और आपात स्थितियों के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है, विशेषकर भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में। अधिकारी स्थिति पर ध्यान दे रहे हैं और निवासियों तथा पर्यटकों से सावधानी बरतने का अनुरोध किया गया है। उत्तराखंड में मॉनसून एक बार फिर से अपने तीव्र रूप में दिखाई दे रहा है। सोमवार सुबह से देहरादून सहित कई जिलों में भारी बारिश हो रही है।


भूस्खलन और सड़कें बाधित

लगातार हो रही बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन और सड़कों के अवरुद्ध होने की घटनाएं सामने आई हैं। मौसम विभाग ने पूरे राज्य के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जो 29 जुलाई से 1 अगस्त तक प्रभावी रहेगा। इस चेतावनी के चलते प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।


मौसम विभाग की चेतावनी

चेतावनी जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में तेज बारिश, गरज के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की संभावना है। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और टिहरी जैसे क्षेत्रों में स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की है।


येलो अलर्ट का प्रभाव

13 जिलों में येलो अलर्ट

उत्तराखंड के सभी 13 जिलों- अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, ऊधम सिंह नगर और उत्तरकाशी में येलो अलर्ट जारी किया गया है। यह चेतावनी 29 जुलाई से 1 अगस्त तक लागू रहेगी। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में कहीं तेज तो कहीं बहुत भारी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़, जलभराव और भूस्खलन जैसी आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं।


यात्रियों की कठिनाइयाँ

पहाड़ी रास्तों पर यात्रियों की मुश्किलें

देहरादून और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। विशेष रूप से धार्मिक यात्रा मार्ग यमुनोत्री राजमार्ग पर स्यानाचट्टी के पास भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे मार्ग बंद हो गया है और यात्रियों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई है। इससे यात्रा कर रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


प्रशासन की तैयारी

प्रशासन का सतर्क रुख

राज्य आपदा परिचालन केंद्र ने सभी जिलों को अलर्ट पर रखा है। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को सलाह दे रहा है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम संबंधी जानकारी पर ध्यान दें। आपदा राहत टीमें भी सक्रिय कर दी गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।