एंडोमेट्रियोसिस: महिलाओं में लक्षण और उपचार के तरीके

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
महिलाओं को अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों को गंभीरता से लेना चाहिए। एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर स्थिति है, जो प्रारंभ में सामान्य लक्षण दिखाती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें गर्भाश्य की बाहरी परत में वृद्धि होती है। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह प्रजनन संबंधी समस्याओं और गर्भाश्य कैंसर का कारण बन सकती है। इस बीमारी का सबसे सामान्य लक्षण गैस, अपच और एसिडिटी है, जो पाचन से संबंधित होते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस क्या है?
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें गर्भाश्य के ऊतकों का विकास गलत स्थानों पर होता है, जैसे अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब्स या पेट के अंदर। जब महिलाओं को पीरियड्स होते हैं, तो गर्भाश्य की आंतरिक परत टूटकर खून के साथ बाहर आती है। इस स्थिति में सूजन और दर्द होता है, और कभी-कभी खून बाहर नहीं निकल पाता।
एंडोमेट्रियोसिस के संकेत
यदि कोई महिला बार-बार पेट फूलने, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं का सामना कर रही है, तो उसे इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पेल्विक पेन: पीरियड्स के दौरान या उसके आसपास पेट के निचले हिस्से में अधिक दर्द।
- इंटिमेट होते समय दर्द: संबंध बनाने के दौरान या बाद में दर्द।
- अनियमित या भारी पीरियड्स।
- गर्भधारण में कठिनाई।
- थकान और कमजोरी।
- पीठ दर्द और यूरिन संबंधी समस्याएं।
इलाज के तरीके
फरीदाबाद की एक विशेषज्ञ डॉ. श्वेता मेंदीरत्ता के अनुसार, एंडोमेट्रियोसिस का स्थायी इलाज नहीं है। इसके लक्षणों को प्रबंधित करने और जीवनशैली में सुधार करने के उपाय अपनाने चाहिए। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
उपचार में शामिल उपाय:
- दर्द कम करने के लिए दर्दनिवारक दवाएं।
- टिशू हटाने के लिए सर्जरी।
- जीवनशैली में बदलाव।
- हार्मोनल थेरेपी।
- सही खानपान, व्यायाम और शराब-स्मोकिंग से बचना।