एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान दुर्घटना की जांच में नया मोड़

दुर्घटना की जांच में प्रगति
हाल ही में अहमदाबाद में एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान दुर्घटना की जांच में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। अधिकारियों ने विमान के ब्लैक बॉक्स से डेटा सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है, जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) शामिल हैं। यह डेटा दुर्घटना के कारणों की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह घटना 22 जून को हुई थी, जब सूरत से बेंगलुरु जा रहा बोइंग 737 विमान खराब मौसम के कारण अहमदाबाद की ओर मोड़ दिया गया। लैंडिंग के दौरान, विमान का पिछला हिस्सा रनवे से टकरा गया, जिसे 'टेल स्ट्राइक' कहा जाता है, जिससे विमान उछल गया। पायलट ने पुनः लैंडिंग का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्यवश विमान रनवे से फिसलकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दो लोगों की जान गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ।ब्लैक बॉक्स का महत्व: विमान दुर्घटनाओं की जांच में ब्लैक बॉक्स अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इन डेटा का विश्लेषण करके, जांचकर्ता दुर्घटना से पहले विमान की स्थिति और पायलटों की प्रतिक्रियाओं को सटीक रूप से समझ पाएंगे, जिससे यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि क्या गलत हुआ था।
जांच एजेंसियां और आगे की राह: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। अधिकारियों ने इस सफल डेटा पुनर्प्राप्ति की तुलना 2010 के मैंगलोर विमान दुर्घटना से की है, जहां ब्लैक बॉक्स से डेटा की सफल रिकवरी ने जांच में काफी मदद की थी। ब्लैक बॉक्स से डेटा की पुनर्प्राप्ति ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के रहस्य से पर्दा उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उम्मीद है कि यह गहन जांच अंततः दुर्घटना के सही कारणों का खुलासा करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने में मदद करेगी।