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एयर इंडिया की फ्लाइट दुर्घटना: यात्रियों के अधिकार और मुआवजे की जानकारी

गुजरात के अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 242 लोग सवार थे। इस घटना ने यात्रियों के अधिकार, मुआवजे और ट्रैवल इंश्योरेंस के महत्व पर सवाल उठाए हैं। जानें कि एयरलाइंस मुआवजा कैसे देती है, ट्रैवल इंश्योरेंस का क्या महत्व है, और अगर आपके पास इंश्योरेंस नहीं है तो आपके विकल्प क्या हैं।
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एयर इंडिया की फ्लाइट दुर्घटना: यात्रियों के अधिकार और मुआवजे की जानकारी

एयर इंडिया की फ्लाइट का हादसा

गुजरात के अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट गुरुवार दोपहर टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस घटना में 242 लोग सवार थे, जिनमें 12 क्रू मेंबर्स और 230 यात्री शामिल थे। इस हादसे ने यात्रियों और उनके परिवारों के सामने कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेषकर विमान सुरक्षा, मुआवजे और ट्रैवल इंश्योरेंस के संदर्भ में। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि यदि कभी विमान दुर्घटना होती है, तो यात्रियों को क्या अधिकार और सुरक्षा मिलती है।


एयरलाइंस द्वारा मुआवजे के नियम

भारत में विमान दुर्घटनाओं के मामले में एयरलाइन की जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के तहत निर्धारित होती है। इस नियम के अनुसार, विमान में दुर्घटना के कारण मृत या घायल हुए प्रत्येक यात्री को एयरलाइन द्वारा कम से कम ₹1.4 करोड़ (128,821 SDR) तक मुआवजा दिया जाना अनिवार्य है, चाहे दुर्घटना की जिम्मेदारी किसी की भी हो। यदि एयरलाइन की लापरवाही साबित होती है, तो मुआवजे की राशि इससे भी अधिक हो सकती है। घरेलू उड़ानों के लिए भी DGCA के दिशा-निर्देश लागू होते हैं, जिनमें समान मुआवजे के प्रावधान होते हैं।


ट्रैवल इंश्योरेंस का महत्व

ट्रैवल इंश्योरेंस लेने से यात्रियों को हादसे के बाद काफी सहायता मिलती है। इसमें एक्सीडेंटल डेथ कवर ₹25 लाख से ₹1 करोड़ तक, मेडिकल इमरजेंसी, अस्पताल खर्च, फ्लाइट कैंसिलेशन, सामान खोने पर क्लेम, और स्थायी विकलांगता के लिए ₹5-10 लाख की कवरेज शामिल होती है। ध्यान दें कि यह इंश्योरेंस तभी फायदेमंद होता है जब इसे फ्लाइट से पहले लिया गया हो।


ट्रैवल इंश्योरेंस न होने पर विकल्प

यदि यात्री ने ट्रैवल इंश्योरेंस नहीं लिया है, तो भी एयरलाइन से मुआवजा प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, ऑफिस या कंपनी की इंश्योरेंस पॉलिसी, क्रेडिट कार्ड्स के फ्री ट्रैवल इंश्योरेंस या टूर ऑपरेटर के ग्रुप इंश्योरेंस प्लान भी सहायक हो सकते हैं। हादसे के बाद कभी-कभी मुआवजे में देरी हो सकती है, खासकर जब जांच लंबी चलती है या नॉमिनी की जानकारी उपलब्ध नहीं होती। ऐसे मामलों में परिवारों को कंज्यूमर कोर्ट, सिविल कोर्ट या इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के पास जाकर केस दर्ज कराना पड़ सकता है।


फ्लाइट में सफर करने वालों के लिए सुझाव

  • हमेशा ट्रैवल इंश्योरेंस लें, चाहे घरेलू हो या अंतरराष्ट्रीय यात्रा।

  • नॉमिनी की जानकारी सही-सही भरें।

  • इंश्योरेंस प्लान में 'Accidental + Medical' कवरेज जरूर शामिल हो।

  • डिजिटल और प्रिंट दोनों कॉपी साथ रखें।


ट्रैवल इंश्योरेंस का खर्च

डोमेस्टिक ट्रैवल इंश्योरेंस: ₹30 से ₹100 प्रतिदिन, 5-7 दिन की यात्रा के लिए ₹100 से ₹500 तक।

इंटरनेशनल ट्रैवल इंश्योरेंस:

एशिया के लिए ₹300-700 प्रीमियम, कवरेज ₹5-15 लाख।

यूरोप के लिए ₹500-1200 प्रीमियम, कवरेज ₹50 लाख से ₹1 करोड़।

यूएस/कनाडा के लिए ₹1000-2500 प्रीमियम, कवरेज ₹50 लाख से ₹1 करोड़।

ऑस्ट्रेलिया/यूके के लिए ₹700-1500 प्रीमियम, कवरेज ₹25 लाख से ₹1 करोड़।


एयर इंडिया का आधिकारिक बयान

एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने हादसे के बाद कहा कि हम गहरे दुख के साथ पुष्टि करते हैं कि अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 एक दर्दनाक हादसे का शिकार हुई। हमारी संवेदनाएं सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हम सभी आवश्यक सहायता और समर्थन प्रदान कर रहे हैं।