Newzfatafatlogo

ऑस्ट्रेलिया में घर पर जन्म के दौरान नवजात की दुखद मृत्यु

ऑस्ट्रेलिया में एक महिला ने इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर से किराए पर लिया बर्थिंग पूल का उपयोग कर अपने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ घंटों बाद नवजात की मृत्यु हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि अगर जन्म अस्पताल में होता, तो यह घटना टल सकती थी। जानें इस दुखद घटना के पीछे की पूरी कहानी और विशेषज्ञों की राय।
 | 
ऑस्ट्रेलिया में घर पर जन्म के दौरान नवजात की दुखद मृत्यु

घर पर जन्म का मामला

घर पर बर्थिंग पूल: ऑस्ट्रेलिया से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक महिला ने एक इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर से किराए पर लिया गया बर्थिंग पूल का उपयोग कर अपने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ घंटों बाद नवजात की मृत्यु हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने एमिली लाल, जिन्हें 'द ऑथेंटिक बर्थकीपर' के नाम से जाना जाता है, से बर्थिंग पूल लिया था।


बच्चे के जन्म के बाद, महिला ने उत्साह में एमिली को संदेश भेजा, "मैंने कर दिखाया!" और प्रसव के बाद की जांच की योजना बनाई। लेकिन अगली सुबह उन्हें प्लेसेंटा निकालने में कठिनाई हुई, और तब तक उन्हें एहसास हुआ कि उनके बच्चे की स्थिति ठीक नहीं है।


लापरवाही से नवजात की जान गई

सुबह 8 बजे, महिला ने एमिली को एक संदेश भेजा, जिसमें लिखा था, "हम उसे जगा नहीं पा रहे हैं, हमें यकीन नहीं है कि वह सांस ले रही है या नहीं।" इसके साथ उन्होंने बच्ची के नीले चेहरे की एक तस्वीर भी भेजी। एमिली ने 25 मिनट बाद संदेश देखा और तुरंत फेसटाइम कॉल के जरिए स्थिति का आकलन किया। यह मानते हुए कि बच्ची की मृत्यु हो चुकी है, उन्होंने माता-पिता को तुरंत एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहा। पैरामेडिक्स ने 30 मिनट तक सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका।


घर पर जन्म पर डॉक्टर्स की राय

फोरेंसिक पैथोलॉजिस्ट डॉ. येलीना बाबर ने कहा, "अगर बच्चा अस्पताल में जन्मा होता और महिला को उचित प्रसव पूर्व देखभाल मिलती, तो नवजात की मृत्यु की संभावना बहुत कम होती। वह एक स्वस्थ बच्ची थी, और उसकी मृत्यु घर में बर्थिंग पूल में लंबे समय तक प्रसव के कारण हुई।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षित दाई की मौजूदगी में लंबे प्रसव के दौरान शिशु में परेशानी के लक्षण दिखने पर मां को तुरंत अस्पताल ले जाया जाता।


...तो बच्ची की मौत नहीं होती।

अगर जन्म अस्पताल में हुआ होता या प्रशिक्षित दाई की सहायता से घर पर योजनाबद्ध तरीके से प्रसव हुआ होता, तो बच्ची की मृत्यु नहीं होती। उन्होंने स्पष्ट किया, "घर में जन्म को 'फ्रीबर्थ' से अलग किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति बिना चिकित्सा या दाई की सहायता के जन्म देने का निर्णय लेता है। जल जन्म से संबंधित सार्वजनिक जानकारी उन महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं है जो बिना चिकित्सा सहायता के घर पर जन्म देना चाहती हैं।"