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कच्ची इमली के स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ

कच्ची इमली का सेवन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, जैसे भूख बढ़ाना और पाचन में सुधार करना। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, खासकर शारीरिक कमजोरी और अन्य बीमारियों में। इस लेख में इमली के फायदे, उपयोग और सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। जानें कैसे इमली का सही सेवन करें और इसके औषधीय गुणों का लाभ उठाएं।
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कच्ची इमली के स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ

कच्ची इमली के फायदे और उपयोग

इमली का सेवन भूख को बढ़ाने, पाचन में सुधार लाने, पेट की जलन को कम करने और कब्ज से राहत पाने में सहायक होता है।



यदि आपको मोच आ जाए, तो इमली के ताजे पत्तों को गर्म पानी में पीसकर गुनगुना लेप बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से राहत मिलती है। इसके तने की भस्म को पानी में उबालकर पीने से उल्टी की समस्या से बचा जा सकता है।


हालांकि, कच्ची इमली का सेवन शारीरिक कमजोरी, खांसी, दमा और जुकाम जैसी स्थितियों में हानिकारक हो सकता है। इसे दूध या दूध से बनी खीर, जोड़ों के दर्द, गठिया, लकवा, गुर्दे की बीमारियों, रक्त विकार और त्वचा रोगों में नहीं लेना चाहिए। इमली से बनने वाली चिंचा भल्लात कंवटी, चिंचिकादिवंटी दस्तों और हैजे की प्रारंभिक अवस्था में उपयोगी होती है।


कच्ची इमली के स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ


पेट साफ करता है अमलतास


अमलतास के औषधीय गुण

अमलतास, जिसे राजस्थानी में किरमाला भी कहा जाता है, इसके बीजों का औषधीय उपयोग कई बीमारियों में किया जाता है।


कच्ची इमली के स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ


फायदे:
इसका रस कफ और बलगम को दूर करने में मदद करता है। अमलतास की पकी फलियों को तोड़कर बालू रेत में गाड़कर एक सप्ताह के बाद निकालकर धूप में सुखा लें। सूखने के बाद फलियों का गूदा निकालकर साफ बर्तन में रखकर दवा के रूप में उपयोग करें। यह औषधि मल विकारों को दूर करने में सहायक होती है। लेकिन, अमलतास की औषधि का उपयोग विशेषज्ञ की सलाह पर ही करना चाहिए।