कच्ची इमली के स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ

कच्ची इमली का सेवन करते समय ध्यान रखें
इमली का सेवन भूख को बढ़ाने, पाचन को सुधारने, पेट और शरीर की जलन को कम करने, और कब्ज से राहत पाने के लिए फायदेमंद होता है।
यदि मोच आ जाए, तो इमली के ताजे पत्तों को गर्म पानी में पीसकर गुनगुना लेप दर्द वाले स्थान पर लगाने से राहत मिलती है। इसके तने की भस्म को पानी में उबालकर पीने से उल्टी की समस्या नहीं होती।
हालांकि, कच्ची इमली का सेवन शारीरिक कमजोरी, खांसी, दमा, और जुकाम में हानिकारक हो सकता है। इसे दूध या दूध से बनी खीर, जोड़ों के दर्द, गठिया, लकवा, गुर्दे की बीमारियों, रक्त विकार और त्वचा रोगों में नहीं लेना चाहिए। इससे बनने वाली चिंचा भल्लात कंवटी, चिंचिकादिवंटी दस्तों और हैजे के प्रारंभिक चरण में उपयोगी होती है।
अमलतास के औषधीय गुण
अमलतास, जिसे राजस्थानी में किरमाला भी कहा जाता है, इसके बीजों का औषधीय उपयोग कई बीमारियों में किया जाता है।
इसका रस कफ और बलगम को दूर करने में सहायक होता है। अमलतास की पकी फलियों को तोड़कर बालू में गाड़कर एक सप्ताह के बाद निकालकर धूप में सुखा लें। सूखने के बाद फलियों का गूदा निकालकर साफ बर्तन में रखकर दवा के रूप में उपयोग करें। यह औषधि मल विकारों को दूर करने में मदद करती है। लेकिन, अमलतास की औषधि का उपयोग विशेषज्ञ की सलाह पर ही करना चाहिए।