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कनेर के फूल के अद्भुत लाभ और उपयोग

कनेर का फूल, जिसे कनैल भी कहा जाता है, भारत में व्यापक रूप से पाया जाता है। यह न केवल सजावट के लिए उपयोगी है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। फोड़े-फुंसियों के उपचार से लेकर जहरीले बिच्छू के काटने के इलाज तक, कनेर के फूल के अद्भुत गुणों के बारे में जानें। इस लेख में हम कनेर के फूल के उपयोग और इसके लाभों पर चर्चा करेंगे, जो आपको आश्चर्यचकित कर देंगे।
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कनेर: एक बहुपरकारी औषधि

हेल्थ कार्नर :- कनेर एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधि है, जो भारत के लगभग हर क्षेत्र में उपलब्ध है। इसे कई लोग कनैल के नाम से भी जानते हैं। आज हम कनेर के फूल के गुणों पर चर्चा करेंगे। अक्सर लोग इसे फेंक देते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है।


कनेर के फूल के अद्भुत लाभ और उपयोग


कनेर, जिसे कनैल भी कहा जाता है, भारत के हर कोने में पाया जाता है। आपने देखा होगा कि कनेर का पौधा मंदिरों और घरों में वाटिकाओं में लगाया जाता है। पीले कनेर के पौधे के पत्ते छोटे और चमकीले होते हैं, और यह सजावट के लिए भी उपयोगी है। आपको यह सड़कों के किनारे भी देखने को मिलेगा।


यदि आपको फोड़े-फुंसियों की समस्या है, तो कनेर के लाल फूलों को पीसकर उनका लेप बनाएं और इसे दिन में 2-3 बार फोड़ों पर लगाएं। इससे फोड़े-फुंसियां कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएंगे।


ठंडे पानी के साथ कनेर की जड़ को पीसकर फोड़े पर लगाना भी फायदेमंद है। ध्यान रखें कि फोड़ा हाथ लगने से फूट सकता है। यह पाइल्स के रोग में भी सहायता करता है।


अगर आपको जहरीले बिच्छू ने काट लिया है, तो कनेर के फूल की जड़ को घिसकर काटने के स्थान पर लगाएं। इसके पत्तों का रस निकालकर पिलाने से बिच्छू या सांप का जहर निकल जाता है। यह एक महत्वपूर्ण औषधि है।