कबड्डी खिलाड़ी राणा बलाचौरिया की हत्या: गैंगस्टरों का बढ़ता खतरा
कबड्डी खिलाड़ी की हत्या का मामला
मोहाली में कबड्डी मैच के दौरान सैल्फी लेने के बहाने राणा बलाचौरिया की हत्या ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कबड्डी खिलाड़ी गैंगस्टरों के निशाने पर हैं। इस घटना का मुख्य कारण पैसे के साथ-साथ वर्चस्व की लड़ाई भी है। राणा बलाचौरिया, जिनका असली नाम कंवर दिग्विजय सिंह था, हिमाचल प्रदेश के राजपरिवार से ताल्लुक रखते थे और जिला ऊना के बनगढ़ गांव के निवासी थे। उनके दादा कंवर शेर बहादुर सिंह और परदादा राजा सुमित्रा सिंह बनगढ़ रियासत के राजा रहे हैं। दिग्विजय सिंह की शादी चार दिसंबर को हुई थी।
मोहाली के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस ने बताया कि हत्या में शामिल शूटरों की पहचान अमृतसर के आदित्य कपूर उर्फ मक्खन और करण पाठक उर्फ डिफाल्टर करण के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि दोनों बंबीहा गैंग और लक्की पटियाल गैंग से जुड़े हुए हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए 12 विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो विभिन्न संभावित ठिकानों पर रवाना की गई हैं। यह हत्या कबड्डी टूर्नामेंटों पर वर्चस्व कायम करने की साजिश का हिस्सा थी। एसएसपी ने इंटरनेट मीडिया पर फैल रही अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि इस हत्या का पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के मामले से कोई संबंध नहीं है। आदित्य कपूर के खिलाफ 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि करण पाठक के खिलाफ भी दो एफआईआर हैं। एसएसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान यह घटना हुई, उसके लिए सभी आवश्यक प्रशासनिक अनुमतियां ली गई थीं।
राणा बलाचौरिया की हत्या से पहले भी कई कबड्डी खिलाड़ियों की हत्याएं हो चुकी हैं। गैंगस्टरों की वर्चस्व की लड़ाई का मुख्य कारण धन है। ये गैंगस्टर कबड्डी खिलाड़ियों को अपने मोहरों की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं, और जो खिलाड़ी बागी तेवर दिखाता है, वह उनकी हिट लिस्ट पर आ जाता है।
यह समस्या केवल कबड्डी तक सीमित नहीं है, बल्कि कुश्ती और बॉक्सिंग जैसे खेलों में भी देखी जा रही है। अमेरिका में स्पोर्ट्स बेटिंग का चलन अब कॉलेजों तक पहुंच गया है। खेलों में सट्टेबाजों का रुझान और गैंगस्टरों की वर्चस्व की लड़ाई, चाहे वह भारत में हो या अन्य देशों में, खेल और खिलाड़ियों दोनों के लिए घातक साबित हो रही है। इस समस्या का समाधान सरकारी स्तर पर उठाए गए कदमों के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर गैंगस्टरों के खिलाफ माहौल बनाकर ही किया जा सकता है।
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।
