कम नींद के दुष्प्रभाव: भूलने की बीमारी का खतरा

कम नींद और उसके प्रभाव
आज की दुनिया में लोगों की जीवनशैली में काफी बदलाव आया है, जिसके चलते कई व्यक्तियों को रात में नींद नहीं आती। यह समस्या उन्हें मानसिक तनाव में डाल सकती है। लगातार कम नींद लेने से भूलने की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। इस लेख में हम नींद की कमी से होने वाली समस्याओं पर चर्चा करेंगे।
रात में नींद न आने का मुख्य कारण हमारा दिमाग होता है। जब हमारा मस्तिष्क सक्रिय रहता है, तो नींद आना मुश्किल हो जाता है। कई बार दिमाग में चल रहे विचार और प्रोटीन की मात्रा बढ़ने के कारण भी नींद में कमी आती है, जिससे भूलने की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, दिमाग में एमीलॉयड बीटा नामक प्रोटीन की वृद्धि से नींद में कमी आती है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम प्रतिदिन कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें।