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करवा चौथ 2025: जानें चंद्रमा के उदय का समय और व्रत खोलने की विधि

करवा चौथ 2025 का व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए उपवास रखेंगी। चंद्रमा के उदय का समय जानना महत्वपूर्ण है, ताकि पूजा सही समय पर की जा सके। इस लेख में विभिन्न शहरों में चंद्रमा के उदय का समय और व्रत खोलने की विधि के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कैसे करें करवा माता की पूजा और कब करें व्रत का पारायण।
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करवा चौथ 2025: जानें चंद्रमा के उदय का समय और व्रत खोलने की विधि

करवा चौथ का महत्व और चंद्रमा का समय


करवा चौथ चंद्रमा का समय 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन उपवास करती हैं और रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद अपना व्रत खोलती हैं।


इस वर्ष करवा चौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं शाम को करवा माता की विधिपूर्वक पूजा करती हैं और चंद्रमा के उदय का इंतजार करती हैं। चंद्रमा को देखने और अर्घ्य देने के बाद ही वे अपना व्रत समाप्त करती हैं। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि आपके शहर में चंद्रमा का उदय कब होगा।


शहरों के अनुसार चंद्रमा निकलने का समय

यहां भारत के प्रमुख शहरों में करवा चौथ के दिन चंद्रमा के उदय का समय दिया गया है, ताकि आप सही समय पर पूजा कर सकें और व्रत खोल सकें:


शहर का नाम    चांद निकलने का समय
दिल्ली    रात 08:13 बजे
मुंबई    रात 08:55 बजे
कोलकाता    सायं 07:42 बजे
चेन्नई    रात 08:38 बजे
देहरादून    रात 08:05 बजे
चंडीगढ़    रात 08:09 बजे
जयपुर    रात 08:23 बजे
पटना    रात 07:48 बजे
जम्मू    रात 08:11 बजे
गांधीनगर    रात 08:46 बजे
अहमदाबाद    रात 08:47 बजे
शिमला    रात 08:06 बजे
भोपाल    रात 08:26 बजे
लखनऊ    रात 08:02 बजे
कानपुर    रात 08:06 बजे
गोरखपुर    सायं 07:52 बजे
प्रयागराज    रात 08:02 बजे
नोएडा    रात 08:12 बजे
गुरुग्राम    रात 08:14 बजे
हरिद्वार    रात 08:05 बजे
इंदौर    रात 08:34 बजे
भुवनेश्वर    सायं 07:58 बजे
रायपुर    रात 08:01 बजे
करवा चौथ पर चंद्रोदय का महत्व


चंद्रमा के उदय का महत्व

करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा का उदय बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि महिलाएं इसी पल का बेसब्री से इंतजार करती हैं। चंद्रमा को छलनी से देखने के बाद ही वे जल ग्रहण करती हैं, इसलिए सही समय पर चंद्रमा का दर्शन करना पूजा की पूर्णता के लिए आवश्यक है।


व्रत खोलने की विधि

करवा माता की पूजा करें, चंद्रमा को अर्घ्य दें, चंद्रमा को देखें और पति का दर्शन करें, फिर व्रत खोलें।


Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता।