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कर्नाटक पुलिस में असंतोष: हेड कांस्टेबल का विरोध प्रदर्शन

कर्नाटक में मडिवाला पुलिस स्टेशन के हेड कांस्टेबल नरसिम्हाराजू ने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त और अन्य अधिकारियों के निलंबन के खिलाफ एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीर लेकर और काली पट्टी बांधकर राजभवन की ओर मार्च किया। उनका उद्देश्य निलंबन आदेशों को रद्द करने की मांग करना था, जो एक दुखद भगदड़ के बाद जारी किए गए थे। इस घटना ने पुलिस बल के भीतर असंतोष और तनाव को उजागर किया है।
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कर्नाटक पुलिस में असंतोष: हेड कांस्टेबल का विरोध प्रदर्शन

पुलिस बल में असंतोष का प्रदर्शन

कर्नाटक में मडिवाला पुलिस स्टेशन के हेड कांस्टेबल नरसिम्हाराजू ने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के निलंबन के खिलाफ एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीर लेकर और काली पट्टी बांधकर राजभवन की ओर मार्च किया। उनका उद्देश्य राज्यपाल को एक लिखित शिकायत सौंपना था, जिसमें उन्होंने सरकार से आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान हुई दुखद भगदड़ के संदर्भ में निलंबन आदेशों को रद्द करने की मांग की।


नरसिम्हाराजू ने अपने पत्र में कहा कि बिना किसी पूर्ण जांच के उच्च अधिकारियों के खिलाफ ऐसी दंडात्मक कार्रवाई से पुलिस बल का मनोबल प्रभावित होगा। उन्होंने यह भी बताया कि निलंबन से ईमानदार अधिकारियों की निष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उनके इस अकेले विरोध प्रदर्शन को नजरअंदाज कर दिया गया, और उन्हें विधान सौधा पुलिस ने आचरण मानदंडों के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया।


पुलिस कमिश्नर बी दयानंद, एडिशनल कमिश्नर विकास कुमार, डीसीपी शेखर टी, एसीपी बालकृष्ण और इंस्पेक्टर गिरीश को निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई चिन्नास्वामी स्टेडियम और विधान सौधा के पास हुई एक दुखद भगदड़ के एक दिन बाद की गई, जिसमें कई लोग घायल हुए और 11 लोगों की जान चली गई। इस घटना ने सार्वजनिक कार्यक्रमों के संचालन और जवाबदेही पर व्यापक बहस को जन्म दिया है।


सरकार का कहना है कि जांच के दौरान निलंबन आवश्यक है, जबकि नरसिम्हाराजू जैसे विरोध प्रदर्शन पुलिस के भीतर बढ़ती चिंताओं को दर्शाते हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह हेड कांस्टेबल का विरोध प्रदर्शन इस त्रासदी के कारण बल के भीतर बढ़ते तनाव को उजागर करता है।