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कालका-शिमला टॉय ट्रेन में आधुनिक बदलाव, नई सुविधाओं का आगाज़

कालका-शिमला टॉय ट्रेन, जो 117 साल पुरानी है, अब नए एसी कोच के साथ आधुनिक सुविधाओं में बदलाव करने जा रही है। इस परिवर्तन से यात्रियों को नई सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन ट्रेन की पहचान बन चुकी खुली खिड़की से पहाड़ों की ठंडी हवा का आनंद अब अतीत की बात बन जाएगी। जानें इस ट्रेन में क्या बदलाव होंगे और कब से ये नए कोच चलने लगेंगे।
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कालका-शिमला टॉय ट्रेन में आधुनिक बदलाव, नई सुविधाओं का आगाज़

कालका-शिमला टॉय ट्रेन का नया अवतार

कालका-शिमला टॉय ट्रेन, जो देश की सबसे ऐतिहासिक ट्रेनों में से एक मानी जाती है, अब एक नए युग में प्रवेश करने जा रही है। इस 117 साल पुरानी हेरिटेज ट्रेन की रूप-रेखा जल्द ही पूरी तरह से बदलने वाली है। पहली बार इस नैरोगेज रूट पर एयर कंडीशंड (AC) कोच जोड़े जा रहे हैं।


यात्रियों के लिए नई सुविधाएं

हालांकि, इस परिवर्तन से यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी, लेकिन ट्रेन की पहचान बन चुकी 'खुली खिड़की से पहाड़ों की ठंडी हवा का आनंद' अब अतीत की बात बन जाएगी।


विशेष कोच का निर्माण

रेल कोच फैक्टरी कपूरथला में इस रूट के लिए विशेष कोच तैयार किए जा रहे हैं। अब तक 28 नए कोच कालका स्टेशन पर पहुंच चुके हैं, और पहले चरण में 30 कोच उपलब्ध कराने की योजना है। इन नए कोचों को पुराने डिब्बों की जगह धीरे-धीरे प्रतिस्थापित किया जाएगा।


पुराने कोचों की स्थिति

उत्तर रेलवे के अनुसार, पुराने कोच इतने पुराने हो चुके हैं कि उनके पार्ट्स भी अब उपलब्ध नहीं हैं। कालका रेलवे वर्कशॉप में अब पैसेंजर कोच का निर्माण बंद हो चुका है, और केवल मरम्मत या मालगाड़ी के नैरोगेज डिब्बों का काम किया जा रहा है।


नए कोच में क्या बदलाव होंगे?

उत्तर रेलवे अंबाला डिवीजन के सीनियर डिविजन ऑपरेटिंग मैनेजर राहुल के अनुसार, पुराने 7 कोच की जगह अब हर ट्रेन में 6 नए कोच होंगे। सीआरएस (Commissioner of Railway Safety) की ओर से इन कोचों का ट्रायल चल रहा है। क्लियरेंस मिलने के बाद इन्हें नियमित रूप से चलाया जाएगा।