किसान महापंचायत का आयोजन, नई शर्तों और मुआवजे की मांग

किसानों की समस्याओं पर भाकियू की बैठक
(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने एक आपात बैठक का आयोजन किया, जिसमें किसानों की समस्याओं के खिलाफ सोमवार को उपमंडल स्तर पर किसान महापंचायत करने का निर्णय लिया गया। यह महापंचायत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ज्ञापन देने के लिए होगी। किसानों का कहना है कि सरकार ने डीएपी खरीदने के लिए नई शर्तें लागू की हैं, जिसमें उन्हें बैग की पूरी राशि पहले जमा करनी होगी। इसके अलावा, बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों के मुआवजे का भी कोई समाधान नहीं किया गया है।
बैठक में भाकियू के अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा ने किसानों की समस्याओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार नई शर्तें लागू कर रही है, जिससे किसानों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पहले छह महीने तक डीएपी की उपलब्धता नहीं थी, और अब जब यह उपलब्ध हुई है, तो किसानों को पूरी राशि एक साथ जमा करने के लिए कहा जा रहा है।
भाकियू महासचिव ओमप्रकाश उमरवास ने बताया कि सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही है। उपमंडल में बिजली कनेक्शन की स्वीकृति के बावजूद कार्यकारी अभियंता की तैनाती नहीं की गई है। इसके अलावा, भंडारण केंद्रों की कमी के कारण किसानों को अपने खर्च पर सामान खरीदना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि उन्हें बकाया मुआवजे और अन्य सुविधाओं के लिए केवल दिखावे का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा समय में कपास की फसल की बिजाई चल रही है, लेकिन उन्हें कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। जनप्रतिनिधियों की कमी के कारण किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों की मांगें और सरकार की चुप्पी
किसानों ने यह भी कहा कि सरकार ने 2023 का बकाया मुआवजा जारी नहीं किया है और बीमा कंपनियों ने भी मुआवजे का भुगतान नहीं किया है। इसके अलावा, 2024-2025 की रबी सीजन में प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार ने अभी तक बजट जारी नहीं किया है।
किसानों का कहना है कि महंगाई और बेरोजगारी के कारण वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो सोमवार को उपमंडल स्तर पर किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।