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किसानों के लिए दीवाली का तोहफा: गेहूं का MSP बढ़ा, जानें अन्य फसलों की नई दरें

केंद्र सरकार ने किसानों को दीवाली से पहले एक बड़ा तोहफा देते हुए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। इसके साथ ही, रबी की अन्य फसलों के MSP में भी वृद्धि की गई है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को उनकी लागत के अनुसार उचित मूल्य प्रदान करना और उनकी आय में सुधार करना है। जानें इस वृद्धि के पीछे की वजह और सरकार की अन्य योजनाएं।
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किसानों के लिए दीवाली का तोहफा: गेहूं का MSP बढ़ा, जानें अन्य फसलों की नई दरें

सरकार का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने किसानों को दीवाली से पहले एक महत्वपूर्ण उपहार देते हुए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की है। विपणन वर्ष 2026-27 के लिए गेहूं का MSP 6.59 प्रतिशत बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 2,425 रुपये प्रति क्विंटल था। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।


MSP में वृद्धि का कारण

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह वृद्धि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर की गई है। इसके साथ ही, रबी की छह प्रमुख फसलों के MSP में भी वृद्धि को मंजूरी दी गई है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी लागत के अनुसार उचित मूल्य प्रदान करना और उनकी आय में सुधार करना है।


रबी फसलों के MSP में वृद्धि का विवरण

गेहूं: 160 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,585 रुपये किया गया।


कुसुम: 600 रुपये प्रति क्विंटल की सबसे अधिक बढ़ोतरी।


मसूर: 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा।


रेपसीड और सरसों: 250 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि।


चना: 225 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा।


जौ: 170 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी।


इस वृद्धि से किसानों को उनकी मेहनत और लागत के अनुसार बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद है, विशेषकर छोटे और मध्यम किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है।


सरकार की पहल और किसानों को लाभ

केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। MSP में वृद्धि का यह निर्णय भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसानों को फसल बिक्री में सुरक्षा मिलती है और बाजार में उनकी फसलों का मूल्य स्थिर रहता है।


सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह कदम किसानों को कृषि में अधिक निवेश करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा। नई तकनीक अपनाने और उत्पादन बढ़ाने की दिशा में किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा। इस नीति से कृषि क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा और किसान अपनी मेहनत का उचित फल प्राप्त कर सकेंगे।


MSP में वृद्धि का यह निर्णय न केवल किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा का माध्यम है, बल्कि इसे दीवाली का बड़ा तोहफा भी माना जा रहा है। इससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और कृषि क्षेत्र में स्थिरता आएगी।