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केरल के 'दो रुपये वाले डॉक्टर' का निधन: एक युग का अंत

केरल के कन्नूर जिले में 'दो रुपये वाले डॉक्टर' के नाम से मशहूर डॉक्टर ए.के. रायरू गोपाल का निधन हो गया है। उन्होंने गरीब मरीजों को दशकों तक मात्र दो रुपये में चिकित्सा सेवा प्रदान की। उनके जाने से चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा खालीपन आ गया है, खासकर उन मरीजों के लिए, जो उन्हें अपनी एकमात्र उम्मीद मानते थे। जानें उनके योगदान और उनके निधन के बाद इलाके में उत्पन्न भावनात्मक शून्यता के बारे में।
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डॉक्टर ए.के. रायरू गोपाल का योगदान

केरल के कन्नूर जिले में 'दो रुपये वाले डॉक्टर' के नाम से मशहूर डॉक्टर ए.के. रायरू गोपाल का निधन हो गया है। वे केवल एक चिकित्सक नहीं, बल्कि गरीबों के लिए एक मसीहा थे। उनका जीवन पूरी तरह से समाज सेवा में समर्पित रहा, और उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है। उनके निधन से चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा खालीपन आ गया है, खासकर उन हजारों गरीब मरीजों के लिए, जिन्हें उन्होंने दशकों तक मात्र दो रुपये में इलाज और दवाएं प्रदान कीं।


डॉक्टर गोपाल, जो 80 वर्ष के थे, ने अपने घर को क्लिनिक में बदल दिया था। हर सुबह चार बजे से मरीजों की लंबी कतार लगनी शुरू हो जाती थी। हालांकि, उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण उन्होंने बाद में समय में बदलाव किया, लेकिन मरीजों के प्रति उनका समर्पण कभी कम नहीं हुआ। उनकी सेवा की भावना इतनी गहरी थी कि जिन मरीजों के पास दवा खरीदने के पैसे नहीं होते थे, उन्हें भी वे मुफ्त में दवा देते थे।


डॉ. गोपाल का निधन मई 2024 में उनके क्लिनिक बंद करने के कुछ महीने बाद हुआ। उनके असाधारण योगदान के कारण उन्हें 'जनता का डॉक्टर' कहा जाने लगा था। लोग उन्हें श्रद्धा से 'दो रुपये वाले डॉक्टर साहब' के नाम से जानते थे, जबकि कुछ उन्हें अपने परिवार का सदस्य मानते थे। उनके निधन के बाद से इलाके में एक गहरी भावनात्मक शून्यता उत्पन्न हो गई है, खासकर उन गरीब मरीजों के लिए, जो उनके लिए एकमात्र उम्मीद थे।