Newzfatafatlogo

केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण से बढ़ती चिंताएँ

केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंताएँ बढ़ गई हैं। हाल ही में एक किशोर में संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं, जिसके बाद सरकार ने चेतावनी जारी की है। स्वास्थ्य मंत्री ने पानी की स्वच्छता और साफ-सुथरी जीवनशैली को आवश्यक बताया है। जानें इस संक्रमण से बचाव के उपाय और हालात की गंभीरता के बारे में।
 | 
केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण से बढ़ती चिंताएँ

ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण की गंभीरता

ब्रेन-ईटिंग अमीबा के मामले: केरल इस समय एक अत्यंत खतरनाक संक्रमण का सामना कर रहा है, जिसे 'अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस' के नाम से जाना जाता है। इसे आमतौर पर ब्रेन-ईटिंग अमीबा कहा जाता है। यह संक्रमण दुर्लभ है, लेकिन एक बार होने पर यह अक्सर जानलेवा साबित होता है।


संक्रमण के नए मामले से हड़कंप

इस वर्ष राज्य में अब तक 67 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 18 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। हाल ही में तिरुवनंतपुरम में एक 17 वर्षीय किशोर में इसके लक्षण पाए गए, जिसके बाद सरकार ने तुरंत चेतावनी जारी की।


तिरुवनंतपुरम का यह किशोर हाल ही में दोस्तों के साथ अक्कुलम टूरिस्ट विलेज के स्विमिंग पूल में गया था। अगले दिन उसे ब्रेन-ईटिंग अमीबा का संक्रमण हो गया। स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत स्विमिंग पूल को बंद कर दिया और पानी के नमूने जांच के लिए भेजे। अधिकारियों का कहना है कि यह संक्रमण नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और सीधे मस्तिष्क पर हमला करता है।


स्वास्थ्य मंत्री की चेतावनी

स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने जनता को सतर्क करते हुए कहा है कि इस संक्रमण से बचने के लिए पानी की स्वच्छता और साफ-सुथरी जीवनशैली आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि गंदे या रुके हुए पानी से चेहरा धोना या स्नान करना खतरनाक हो सकता है, विशेषकर उन तालाबों या नदियों में नहाने से, जहां मवेशी भी स्नान करते हैं।


रोकथाम के उपाय

सरकार ने निर्देश दिए हैं कि घरों में पानी के भंडारण की सुविधाओं को साफ रखा जाए और कुओं को वैज्ञानिक तरीके से क्लोरीन से शुद्ध किया जाए। इसके अलावा, वॉटर थीम पार्क और स्विमिंग पूल की नियमित जांच और क्लोरीनेशन अनिवार्य किया गया है। मंत्री ने कहा कि पानी का एक भी कण नाक में नहीं जाना चाहिए, क्योंकि यही इस बीमारी का मुख्य रास्ता है।


मौतों की बढ़ती संख्या

पिछले महीने केरल में इस संक्रमण से पांच लोगों की जान गई है। हाल ही में मलप्पुरम जिले की 56 वर्षीय शोभना और वायनाड के 45 वर्षीय रथीश की मृत्यु हो गई। दोनों का इलाज कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था। लगातार बढ़ते मामलों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।