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कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ और उत्पाद

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी अब हर तीसरे व्यक्ति को प्रभावित कर रही है। इस लेख में हम उन खाद्य पदार्थों और उत्पादों के बारे में चर्चा करेंगे जो अनजाने में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। जानें कि फल, सब्जियां, डिटर्जेंट, और अन्य रोजमर्रा की चीजें किस प्रकार स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। क्या आप भी इनसे अनजान हैं? पढ़ें और जानें कैसे अपनी सेहत की रक्षा करें।
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कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ और उत्पाद

कैंसर का बढ़ता खतरा

हेल्थ कार्नर: यह एक विडंबना है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी, जो पहले केवल फिल्मों में ही नजर आती थी, अब हर तीसरे व्यक्ति को प्रभावित कर रही है। क्या इसका कारण हमारा खानपान है? यह सच है कि हम अनजाने में ऐसी चीजों का सेवन कर रहे हैं जो हमें कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की ओर ले जा रही हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि इनमें से अधिकांश चीजें आधुनिक जीवनशैली से संबंधित हैं।




फल और सब्जियां

फल और सब्जियां:
गंदे नालों के पानी से सब्जियां और फल उगाए जा रहे हैं। अच्छी पैदावार के लिए कीटनाशकों, पेस्टीसाइड्स और रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है। डीडीटी, नाइट्रेट और फास्फेट खेतों में डाले जा रहे हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।


डिटर्जेंट और कीटनाशक

डिटर्जेंट और कीटनाशक:
इन उत्पादों में अल्काइल फिनोल, ट्राइक्लोसन और टेट्राक्लोरोएथिलीन जैसे रसायन होते हैं। ये हार्मोन और एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करते हैं, जिससे हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है। इन रसायनों के संपर्क में आने से ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।



कैन पैक्ड वस्तुएं

कैन पैक्ड वस्तुएं:
कैन में बिस्फेनॉल प्लास्टिक की परत होती है। इसमें मौजूद बीपीए हार्मोन के असंतुलन का कारण बनता है, जिससे ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ता है। बीपीए से बांझपन और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम भी हो सकता है।


सौंदर्य प्रसाधन

सौंदर्य प्रसाधन:
पाउडर, बॉडी लोशन, लिपस्टिक, डिओडरेंट और स्प्रे जैसे उत्पाद ट्राइक्लोसन और पराबेन्स जैसे रसायनों से बनाए जाते हैं, जो हार्मोन्स को प्रभावित करते हैं और कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।


कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ और उत्पाद


माइक्रोवेव ओवन

माइक्रोवेव ओवन:
माइक्रोवेव में पकाया या गर्म किया गया खाना लंबे समय तक खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, हालांकि इस पर शोध जारी है।


नॉन स्टिक बर्तन

नॉन स्टिक बर्तन:
इन बर्तनों की कोटिंग से कम तेल में खाना पकता है, लेकिन यह कोटिंग पॉली टेट्राफ्लुरोएथलीन से की जाती है। एनवायरोमेंट वर्किंग ग्रुप के अनुसार, नॉन स्टिक बर्तनों की कोटिंग कैंसर के खतरे को बढ़ाती है। नॉन स्टिक बर्तनों से निकलने वाला धुआं गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है।