कैंसर के खतरे: रसोई के बर्तनों का स्वास्थ्य पर प्रभाव

कैंसर के कारण: रसोई में छिपे खतरे
Cancer Causes: क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में मौजूद कढ़ाई, कुकर और पतीले कैंसर का कारण बन सकते हैं? हां, टेफलोन कोटिंग, नॉन-स्टिक या एल्यूमिनियम बर्तनों में खाना पकाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टर तरंग कृष्णा के अनुसार, ये आदतें लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा रही हैं। शुरुआत में लोग इसे नहीं समझ पाते, लेकिन धीरे-धीरे ये हमारे शरीर को कमजोर कर देती हैं, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि ये बर्तन कैंसर कैसे उत्पन्न कर सकते हैं।
डॉक्टर की राय
दिल्ली के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. तरंग कृष्णा का कहना है कि आधुनिक जीवनशैली ने लोगों की पसंद को बदल दिया है। पहले लोग लोहे और पीतल के बर्तनों में खाना पकाते थे, लेकिन अब नए आकर्षक बर्तनों की आमद ने स्थिति बदल दी है। हालांकि, ये बर्तन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
कैंसर के कारण बनने वाले बर्तन
- टेफलोन के बर्तनों में खाना पकाने से कैंसरजनक तत्व मिल सकते हैं, जिससे किडनी और टेस्टिकुलर कैंसर का खतरा बढ़ता है।
- नॉन-स्टिक कोटिंग वाले बर्तन भी हानिकारक होते हैं, क्योंकि इनमें प्लास्टिक के कण होते हैं, जो खाना पकाने के दौरान भोजन में मिल सकते हैं।
- स्टील के जूने, जो रसोई में जिद्दी दागों को साफ करने के लिए उपयोग होते हैं, खराब गुणवत्ता के होने पर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
- प्लास्टिक के बर्तन सबसे हानिकारक होते हैं, जिनका उपयोग खाना पकाने के लिए नहीं करना चाहिए। ये बर्तन दिमाग, फेफड़ों, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का कारण बन सकते हैं।
बचाव के उपाय
डॉक्टर का सुझाव है कि आपको अपनी रसोई से हानिकारक बर्तनों को हटाना चाहिए। खाना पकाने के लिए ब्रास, लोहे, पीतल, मिट्टी, उच्च गुणवत्ता वाले स्टील या कांच के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।