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कैथल के किसान फसल खराबे के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं

कैथल के किसान फसल खराबे के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। बारिश और जलभराव से धान और अन्य फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। 9,745 किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है, लेकिन राशि उनके खातों में नहीं आई है। जानें, किसानों की समस्याएं और मुआवजे की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
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कैथल के किसान फसल खराबे के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं

फसल खराबे का मुआवजा अभी भी लंबित

कैथल, हरियाणा। जिले के किसान फसल खराबे के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। बारिश और पहाड़ों से आए पानी के कारण खेतों में जलभराव से धान और अन्य फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। सरकार ने दिवाली से पहले मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन किसान अब भी इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।


कैथल के किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया

कैथल के 9,745 किसानों ने आवेदन किया था


बारिश और जलभराव से प्रभावित धान की फसल का प्रशासन ने सर्वेक्षण किया था। गुहला-चीका, सीवन, पूंडरी कलायत और ढांड जैसे क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है। कैथल जिले के 273 गांवों के 9,745 किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। सर्वेक्षण के बाद पटवारियों ने फसल का आकलन किया, लेकिन अभी तक मुआवजा राशि किसानों के खातों में नहीं आई है।


किसानों की समस्याएं और मुआवजे की मांग

मुख्य रूप से बौने पौधे और हल्दी रोग से प्रभावित किसानों ने धान की फसलों के लिए आवेदन किया है। घग्गर नदी से आई बाढ़ ने भी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इन फसलों के किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है।


मुआवजे के लिए अप्लाई करने वाले किसानों का ब्यौरा


राज्य के ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर कुल 4 लाख 98 हजार 549 किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है।


अंबाला – 428 गांव, 7,940 किसान; भिवानी – 272 गांव, 74,738 किसान; फरीदाबाद – 144 गांव, 2,519 किसान; फतेहाबाद – 234 गांव, 22,370 किसान; गुरुग्राम – 242 गांव, 10,971 किसान; हिसार – 276 गांव, 73,661 किसान; झज्जर – 264 गांव, 25,318 किसान; जींद – 288 गांव, 21,161 किसान; कैथल – 273 गांव, 9,745 किसान; करनाल – 306 गांव, 1,889 किसान; कुरुक्षेत्र – 390 गांव, 11,640 किसान; महेंद्रगढ़ – 373 गांव, 66,698 किसान; पंचकूला – 89 गांव, 367 किसान; पानीपत – 137 गांव, 866 किसान; रेवाड़ी – 405 गांव, 26,533 किसान; रोहतक – 143 गांव, 18,498 किसान; सिरसा – 325 गांव, 35,273 किसान; सोनीपत – 300 गांव, 9,835 किसान; यमुनानगर – 517 गांव, 3,267 किसान; मेवात – 440 गांव, 12,997 किसान; पलवल – 286 गांव, 18,968 किसान; चरखी दादरी – 170 गांव, 43,295 किसान।


कृषि एवं कल्याण विभाग की एसडीओ डाॅ. कंचन शर्मा ने बताया कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर राजस्व विभाग द्वारा आवेदन लिए गए थे। मुआवजे की राशि कब आएगी, इस बारे में वह ही जानकारी दे सकती हैं।


फसल उत्पादन में कमी

खेतों में धान कम निकला


प्रति एकड़ धान की खेती पर 20-25 हजार रुपये का खर्च आता है। जमीन का ठेका भी 60 से 70 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष है। अब खेतों में धान की उपज कम हुई है और सरकार ने अभी तक बाढ़ और बारिश के कारण जलभराव का मुआवजा नहीं दिया है, जिससे ठेके पर जमीन लेने वाले किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।


फसलों में आई बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं से किसान पहले ही परेशान हैं, लेकिन सरकार की ओर से मुआवजा न मिलने से उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। किसान मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए ताकि वे अपनी रोजी-रोटी चला सकें।