कोलकाता: सिटी ऑफ जॉय से ब्लैक सिटी तक की दिलचस्प कहानी

कोलकाता: एक सांस्कृतिक धरोहर
Black City Kolkata: भारत के पूर्वी क्षेत्र में स्थित कोलकाता, जिसे सिटी ऑफ जॉय के नाम से भी जाना जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्थलों और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। हुगली नदी के किनारे बसा यह शहर साहित्य, कला, संगीत और रंगमंच का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। यहां की गलियों में पुरानी भव्य इमारतें, चाय की चुस्कियों के साथ गपशप और रसगुल्ले की मिठास हर किसी का मन मोह लेती है.
कोलकाता का दूसरा नाम: ब्लैक सिटी
हालांकि, कोलकाता की एक और पहचान है, जो सुनने में अजीब लगती है। सिटी ऑफ जॉय के साथ-साथ इसे ब्लैक सिटी भी कहा जाता है। यह नाम सुनकर कई सवाल उठते हैं कि आखिर इस खुशहाल शहर को काला क्यों कहा गया? क्या इसके पीछे कोई भयानक घटना है या कोई ऐतिहासिक कारण? आइए जानते हैं इस नाम के पीछे की कहानी.
1756 की ब्लैक होल त्रासदी
1756 की ब्लैक होल त्रासदी कोलकाता को ब्लैक सिटी कहने का पहला बड़ा कारण है। यह घटना 1756 में हुई थी, जिसे ब्लैक होल ऑफ कलकत्ता के नाम से जाना जाता है। उस समय एक छोटे से जेलखाने में बड़ी संख्या में सैनिकों को एक ही रात में बंद कर दिया गया था। जगह की कमी और भीड़ के कारण कई कैदियों की दम घुटने से मौत हो गई। यह घटना अंग्रेजों के लिए एक दर्दनाक याद बन गई और इस शहर को ब्लैक सिटी कहा जाने लगा.
मां काली की नगरी
मां काली की नगरी के रूप में भी कोलकाता की पहचान है। यहां मां काली की गहरी आस्था और पूजा की परंपरा है। काली पूजा और नवरात्रि के दौरान भव्य आयोजन होते हैं। कालीघाट मंदिर, जो दुनियाभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, इसी विशेष उपासना के कारण कोलकाता को काली नगरी और ब्लैक सिटी के नाम से भी जाना जाने लगा.
कोलकाता: आज का सिटी ऑफ जॉय
आज का कोलकाता अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों और स्वादिष्ट भोजन के लिए जाना जाता है। यहां आने वाले लोग इंडियन म्यूजियम, विक्टोरिया मेमोरियल, बेलूर मठ, दक्षिणेश्वर मंदिर, कुमारतुली, सॉल्ट लेक सिटी, प्रिंसेप घाट, न्यू मार्केट और पार्क स्ट्रीट जैसे प्रसिद्ध स्थलों का आनंद ले सकते हैं। हावड़ा ब्रिज, अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के कारण, विश्वभर में प्रसिद्ध है.