कोविड-19 से संक्रमित पिता के बच्चों पर मानसिक प्रभाव: नई अध्ययन से खुलासा

कोविड-19 का प्रभाव: बच्चों के मानसिक विकास पर असर
नई दिल्ली: कोविड-19 का संक्रमण केवल संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि उनकी आने वाली पीढ़ी के मानसिक विकास और व्यवहार पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मेलबर्न विश्वविद्यालय में हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि यदि पिता को बच्चे के जन्म से पहले कोविड-19 हुआ हो, तो उनके शुक्राणु में ऐसे परिवर्तन हो सकते हैं जो बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। विशेष रूप से, इन बच्चों में चिंता जैसी मानसिक समस्याएं अधिक देखी जाती हैं। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
फ्लोरी इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस एंड मेंटल हेल्थ के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर एंथनी हन्नान ने बताया, 'पहले भी कई अध्ययनों में यह देखा गया है कि पुरुषों में तनाव और बीमारियों का असर उनके शुक्राणु पर पड़ता है, जिससे उनके बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित होता है। यह परिवर्तन मुख्य रूप से शुक्राणु में मौजूद आरएनए अणुओं के कारण होते हैं, जो बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पिता की जीवनशैली के कारक इन आरएनए अणुओं को प्रभावित करते हैं, जिससे बच्चे के विकास के निर्देश बदल जाते हैं।'
इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह जानने का प्रयास किया कि क्या कोविड-19 संक्रमण पिता के शुक्राणु के आरएनए को प्रभावित करता है और इसका बच्चों पर क्या असर पड़ता है।
इसके लिए, उन्होंने एक समूह नर चूहों को कोविड से संक्रमित किया और ठीक होने के बाद उन्हें स्वस्थ मादा चूहों के साथ रखा ताकि वे बच्चे पैदा कर सकें। इसके बाद नए पैदा हुए बच्चों के व्यवहार और मानसिक विकास का अध्ययन किया गया।
अध्ययन में पाया गया कि कोविड संक्रमित पिता से पैदा हुए सभी बच्चों में चिंता जैसी समस्याएं अधिक थीं, और उनका व्यवहार चिंता और डर को दर्शाता था।
इस अध्ययन में यह भी देखा गया कि मादा बच्चों के दिमाग के हिप्पोकैम्पस नामक हिस्से में कई महत्वपूर्ण जीन की गतिविधि में बदलाव आया था। यह हिस्सा दिमाग का वह क्षेत्र है जो याददाश्त, भावनाओं और मानसिक स्थिति से संबंधित होता है। इसलिए वैज्ञानिक मानते हैं कि कोविड संक्रमण से पिता के शुक्राणु में आए बदलाव बच्चों के मानसिक विकास और स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने संक्रमित पिता के शुक्राणु के आरएनए की गहराई से जांच की, जिसमें पता चला कि कोविड संक्रमण ने उन आरएनए अणुओं को प्रभावित किया है जो दिमाग के विकास में शामिल जीन को नियंत्रित करते हैं।
प्रोफेसर एंथनी हन्नान ने कहा कि यदि ये परिणाम मानवों में भी सही साबित होते हैं, तो इसका प्रभाव दुनियाभर के लाखों बच्चों और उनके परिवारों पर पड़ सकता है। यह एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में और अधिक शोध की आवश्यकता है ताकि इस प्रभाव को पूरी तरह समझा जा सके और इससे निपटने के लिए उचित उपाय किए जा सकें।