क्या अंग प्रत्यारोपण से बढ़ सकती है जीवनकाल?

रूसी राष्ट्रपति की नई चर्चा
Organ Transplant Increases Life Span: रूसी राष्ट्रपति वर्तमान में एक नई चर्चा का विषय बने हुए हैं। हाल ही में, उन्होंने चीन की विक्ट्री परेड में शी जिनपिंग और किम जोंग के साथ बातचीत के दौरान ऑर्गन ट्रांसप्लांट और 150 साल तक जीने की संभावना पर चर्चा की। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह सवाल उठने लगा है कि क्या अंगों के प्रतिस्थापन से कोई व्यक्ति अमर हो सकता है। आइए, इस विषय पर विस्तार से जानते हैं।
इस विचार की उत्पत्ति
व्लादिमीर पुतिन ने 2010 और 2020 के बीच कई बार सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में उम्र बढ़ाने की प्रक्रियाओं में निवेश किया है। चीन में उनकी चर्चा में जीन रीजुवेनेशन का भी उल्लेख था। रूस ने इस दिशा में कई परियोजनाएं शुरू की हैं। हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अब तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है जो यह साबित कर सके कि अंगों के प्रतिस्थापन से जीवनकाल में वृद्धि हो सकती है या अमरता प्राप्त की जा सकती है।
क्या अंगों का प्रतिस्थापन अमरता का साधन है?
ऑर्गन ट्रांसप्लांट एक सामान्य प्रक्रिया है, जो कई लोगों को जीवनदान देती है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि अंगों के प्रतिस्थापन से कोई व्यक्ति लंबे समय तक जीवित रह सकता है। इसके विपरीत, अंगों के प्रतिस्थापन से शरीर को अधिक नुकसान भी हो सकता है। ट्रांसप्लांट के बाद इम्यूनो-सप्रेसिव दवाएं दी जाती हैं, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
कौन से अंग के प्रतिस्थापन से जीवनकाल में वृद्धि?
किडनी (Kidney)- किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। इसके बाद जीवनकाल 5 से 10 साल तक बढ़ सकता है, लेकिन कुछ मरीजों को डायलिसिस पर भी रहना पड़ सकता है।
हार्ट (Heart)- हार्ट सर्जरी अब आम हो गई है। हार्ट फेलियर की स्थिति में इसका ट्रांसप्लांट किया जाता है, जिससे 1 से 5 साल तक सर्वाइवल रेट बढ़ सकता है।
लिवर (Liver)- इस अंग को अक्सर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। इसके ट्रांसप्लांट के अवसर कम होते हैं, लेकिन यदि किया जाए तो 5 साल का सर्वाइवल रेट बढ़ सकता है।
ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया
ट्रांसप्लांट का अर्थ है शरीर के खराब अंग को निकालकर नया अंग लगाना। एम्स के फिजियोलॉजिस्ट और ऑर्गन ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉक्टर सुब्रत बासु के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को कोई गंभीर बीमारी है, तो अंग प्रतिस्थापन से उसकी मृत्यु दर को कम किया जा सकता है और जीवनकाल बढ़ाया जा सकता है।