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क्या आपकी थाली में चीनी, नमक और तेल का संतुलन है? जानें सेहत पर असर

भारतीय रसोई में चीनी, नमक और तेल का उपयोग आम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका अधिक सेवन आपकी सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इन तीनों का अत्यधिक सेवन मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इस लेख में जानें कि कैसे इनका संतुलित सेवन आपकी सेहत को बेहतर बना सकता है और किन उपायों से आप इनसे होने वाले दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।
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क्या आपकी थाली में चीनी, नमक और तेल का संतुलन है? जानें सेहत पर असर

चीनी, नमक और तेल का सेवन: सेहत पर प्रभाव

Sugar Salt Oil Intake: भारतीय रसोई में चीनी, नमक और तेल का उपयोग न केवल सामान्य है, बल्कि इनके बिना भोजन अधूरा समझा जाता है। चाहे घर का खाना हो या ऑफिस का स्नैक, तली-भुनी चीज़ें, मीठे और नमकीन व्यंजन रोजमर्रा की आदत बन चुके हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये आदतें हमारी सेहत के लिए कितनी हानिकारक हो सकती हैं?


स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी, नमक और तेल का अत्यधिक सेवन धीरे-धीरे शरीर में ऐसे रोगों को जन्म दे सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियाँ इन्हीं आदतों से उत्पन्न होती हैं। इसलिए, इनका सीमित और समझदारी से उपयोग करना आवश्यक है। WHO की सिफारिश है कि कुल कैलोरी का केवल 5-10% हिस्सा ही 'फ्री शुगर' से आना चाहिए। वहीं, ICMR-NIN के अनुसार, एक व्यक्ति को प्रतिदिन 25 ग्राम (5-6 चम्मच) से अधिक चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।


चीनी के अधिक सेवन के दुष्प्रभाव

  • शरीर में वसा और वजन का बढ़ना
  • इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप-2 मधुमेह
  • हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का खतरा
  • दांतों में सड़न और कैविटी


नमक: स्वाद का साथी, सेहत का दुश्मन

नमक के बिना भोजन का स्वाद फीका लगता है, लेकिन इसकी अधिकता किडनी, हृदय और लिवर पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। WHO और ICMR की गाइडलाइन के अनुसार, प्रतिदिन 5 ग्राम (1 चम्मच से कम) नमक का सेवन करना चाहिए।


नमक के अधिक सेवन के दुष्प्रभाव

उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक, किडनी फेल्योर का खतरा। विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्री क्षेत्रों में पानी और भोजन में पहले से नमक होता है, इसलिए वहां अतिरिक्त नमक का सेवन न करें। इसके अलावा, बेकिंग पाउडर और सोडा में भी छिपा सोडियम होता है, जिससे सावधान रहना चाहिए।


तेल का सही मात्रा में सेवन

तेल खाना पकाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसकी सही मात्रा का पालन करना बेहद आवश्यक है। ICMR और FSSAI के अनुसार, प्रतिदिन 25-30 ग्राम (6 चम्मच) से अधिक तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।


तेल के अधिक सेवन के दुष्प्रभाव

कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हृदय रोग, मोटापा और टाइप-2 मधुमेह। विशेषज्ञों का कहना है कि बदलती जीवनशैली में नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज का सबसे बड़ा कारण खराब खान-पान है। चीनी और वसा को सीमित करना और फाइबर, फल-सब्जियों का सेवन बढ़ाना आवश्यक है।


विशेषज्ञों की सलाह

राइस ब्रान ऑयल और देसी घी जैसे स्वस्थ वसा का सीमित मात्रा में सेवन करें। डीप फ्राई से बचें, क्योंकि अत्यधिक तापमान तेल को कैंसरकारी यौगिकों में बदल सकता है।


चीनी, नमक और तेल ये तीनों हमारी थाली का अहम हिस्सा हैं, लेकिन इनका संतुलन ही आपकी लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है। स्वाद के चक्कर में सेहत को नजरअंदाज न करें। आज थोड़ी सावधानी, कल बड़े खतरे से बचा सकती है।