क्या आपको भी एंग्जायटी का सामना करना पड़ रहा है? जानें इसके लक्षण और उपाय

एंग्जायटी के संकेत और इसके प्रभाव
क्या आपने हाल ही में अजीब महसूस किया है? बिना किसी स्पष्ट कारण के घबराहट, पैरों को बार-बार हिलाना, या एक ही विचार पर अटक जाना, ये सब एंग्जायटी के संकेत हो सकते हैं। आज की तेज़ और प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना अत्यंत आवश्यक है। खासकर जनरेशन Z की खुली सोच ने मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा को बढ़ावा दिया है। एंग्जायटी का सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह अक्सर बिना किसी स्पष्ट संकेत के हमारे जीवन में प्रवेश कर जाती है।
एंग्जायटी के दौरान शरीर में क्या होता है?
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट, डॉ. शैलेश झा के अनुसार, एंग्जायटी के समय शरीर एक काल्पनिक खतरे का सामना करने के लिए तैयार होता है। यह आमतौर पर एक ट्रिगरिंग थॉट या मानसिक छवि से शुरू होता है, जिसे मस्तिष्क खतरे के रूप में पहचानता है। इसके परिणामस्वरूप, शरीर में एड्रेनालिन और कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन्स का स्राव होता है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है और पसीना आने लगता है।
एंग्जायटी के लक्षण
शारीरिक लक्षण:
दिल की तेज धड़कन, पसीना आना, सिरदर्द या चक्कर आना, पेट में दर्द या सांस लेने में कठिनाई।
मानसिक लक्षण:
लगातार चिंता, विचारों की भीड़, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, नींद में समस्या।
भावनात्मक लक्षण:
चिड़चिड़ापन, तनाव, छोटी बातों पर गुस्सा।
एंग्जायटी से निपटने के उपाय
डॉ. झा की सलाह है कि गहरी सांस लें और स्थिति को पहचानें। डॉ. चांधोक ने '5-4-3-2-1 ग्राउंडिंग तकनीक' का सुझाव दिया है, जिसमें आप 5 चीजें देखें, 4 चीजों को छुएं, 3 आवाज़ें सुनें, 2 खुशबुएं पहचानें और 1 स्वाद महसूस करें।
चिंता कम करने के लिए:
नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें, कैफीन और अल्कोहल से बचें, और ध्यान या योग का अभ्यास करें।