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क्या हेल्दी डाइट से खुशहाल जीवन संभव है?

क्या हेल्दी डाइट से खुशहाल जीवन संभव है? विभिन्न रिसर्च से पता चला है कि जंक फूड का सेवन मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। 51% लोग जो जंक फूड खाते हैं, वे तनाव और डिप्रेशन का शिकार होते हैं। इसके अलावा, किशोरों का विकास भी प्रभावित होता है। जानें कैसे संतुलित खानपान से आप अपनी सेहत और मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।
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क्या हेल्दी डाइट से खुशहाल जीवन संभव है?

हेल्दी डाइट और खुशहाल जीवन

हेल्थ कार्नर: क्या एक संतुलित आहार से खुशहाल जीवन जीना संभव है? विभिन्न देशों में की गई रिसर्च से कुछ रोचक तथ्य और आंकड़े सामने आए हैं।



लगभग 51% लोगों पर लगातार जंक फूड का सेवन करने से डिप्रेशन और तनाव का खतरा बढ़ता है।


43% लोग इमोशनल ईटिंग के कारण मोटापे का शिकार हो जाते हैं। एक सर्वे में यह पाया गया है कि लोग पहले पैसे के लिए तनाव में रहते हैं और फिर उसे कम करने के लिए अधिक खाते हैं।


30 व्यक्तियों के दिमाग का मुख्य हिस्सा 'ग्रे मैटर' ओमेगा-3 फैटी एसिड, यानी डीएचए से बना होता है, जो दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


79% किशोर जो फास्ट फूड का सेवन करते हैं, उनका विकास सही तरीके से नहीं होता और वे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में जल्दी हताश हो जाते हैं।


40% कैलोरी और शर्करा उन खाद्य पदार्थों से मिलती है जो 2 से 18 वर्ष के बच्चे और युवा दिनभर में खाते हैं। संतुलित खानपान से ही फिट रहना संभव है।


51% युवा जो रोजाना जंक फूड का सेवन करते हैं, वे उन लोगों की तुलना में जल्दी निराश और तनावग्रस्त हो जाते हैं, जो ऐसा नहीं करते। ऐसे लोग किसी भी कार्य को करने से पहले आत्मविश्वास में कमी महसूस करते हैं।


क्या हेल्दी डाइट से खुशहाल जीवन संभव है?


50% शहरी लोग अपनी दैनिक ऊर्जा की आवश्यकता का एक बड़ा हिस्सा छह प्रमुख अनहैल्दी खाद्य स्रोतों से प्राप्त करते हैं, जैसे सोडा, फलों के पेय, डेयरी डेजर्ट, मीठे अनाज, पिज्जा और दूध आधारित उत्पाद।


58% लोग जो ट्रांसफैट्स और सैचुरेटेड फैट्स वाले प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं, उनकी सफलता की दर हेल्दी खाने वालों की तुलना में हमेशा कम होती है।