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क्या है अमेरिका का ऑपरेशन मिडनाइट हैमर? जानें B-2 बॉम्बर्स की अद्भुत उड़ान के बारे में

22 जून को अमेरिका के व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस से दो B-2 'स्पिरिट' बॉम्बर्स ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के लिए उड़ान भरी। इस ऑपरेशन में GBU-57 बंकर-बस्टर बम का उपयोग किया गया। जानें इस मिशन की तैयारी, हमले की रणनीति और पायलटों के अनुभव के बारे में। क्या यह ऑपरेशन वास्तव में सफल रहा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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क्या है अमेरिका का ऑपरेशन मिडनाइट हैमर? जानें B-2 बॉम्बर्स की अद्भुत उड़ान के बारे में

मिशन की शुरुआत

22 जून को, मिसौरी स्थित व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस से दो B-2 'स्पिरिट' स्टेल्थ बॉम्बर्स ने वापसी की। ये विमान अमेरिका के ऑपरेशन मिडनाइट हैमर का हिस्सा थे, जिसमें ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों, फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान पर हमला किया गया। इस ऑपरेशन में GBU-57, जो दुनिया का सबसे बड़ा गैर-परमाणु बंकर-बस्टर बम है, का पहली बार युद्ध में उपयोग किया गया।


उड़ान की तैयारी

यह मिशन B-2 बॉम्बर्स के लिए अब तक का दूसरा सबसे लंबा उड़ान मिशन था, जिसमें लगभग 37 घंटे का नॉन-स्टॉप ऑपरेशन शामिल था। इस दौरान विमानों ने लगभग 23,000 किमी की यात्रा की, जिसमें एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग भी शामिल थी।


मिशन से पहले, पायलटों ने सिम्युलेटर में 24 घंटे की तैयारी की, जिसमें फोर्दो जैसे बंकरों के लक्ष्य की नकल की गई, ताकि वे अपने शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना कर सकें।


हमले की योजना

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में 75 प्रिसिशन गाइडेड वेपंस का इस्तेमाल किया गया, जिसमें 125 से अधिक अमेरिकी विमान शामिल थे, जैसे कि B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स, फाइटर जेट्स, एस्कॉर्ट विमानों और रिफ्यूलिंग टैंकर।


B-2 के साथ, F-22, F-35 और F-15 जैसे विमानों ने हवाई रक्षा प्रणालियों को भ्रमित करने का कार्य किया, जिससे गुप्त मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।


बमबारी का कार्यान्वयन

21 जून की आधी रात को, B-2 विमानों ने ईरानी समयानुसार लगभग 2:10 बजे फोर्दो और नतांज़ पर दो-दो GBU-57 बम गिराए। कुल मिलाकर 14 बंकर-बस्टर बम गिराए गए, जिनका वजन लगभग 13,600 किलो प्रति बम था।


पायलटों का अनुभव

पूर्व B-2 पायलट लेफ्टिनेंट जनरल स्टीवन बाशम ने बताया कि बम गिराने के बाद विमान अचानक हल्का महसूस हुआ। वजन कम होते ही विमान ने झटके के साथ ऊपर की ओर उछलने का अनुभव किया, जो उनके लिए अविस्मरणीय था। विमान में दो पायलट होते थे और उनका कॉकपिट आवश्यक सुविधाओं से लैस था, जिसमें एक छोटा टॉयलेट, मिनी ओवन और सोने के लिए जगह शामिल थी।


सैटेलाइट और राजनीतिक प्रतिक्रिया

बमबारी के बाद, सैटेलाइट इमेज में फोर्दो पहाड़ी से काले धुएं का स्तंभ दिखाई दिया। नतांज़ की अंडरग्राउंड सुविधाओं में आग लग गई और इस्फहान की यूरेनियम प्रोसेसिंग यूनिट निष्क्रिय हो गई। जेडी वेंस ने कहा कि इस ऑपरेशन ने दुनिया को दिखा दिया कि हम बिना लैंड किए, बिना देखे उड़ सकते हैं और जो चाहें उड़ा सकते हैं।


सफलताएँ और चुनौतियाँ

पेंटागन का दावा है कि यह सबसे बड़ा B-2 ऑपरेशनल स्ट्राइक था, लेकिन अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों की जांच से पता चला है कि फोर्दो जैसी गहरी अंडरग्राउंड सुविधाएँ अभी भी सुरक्षित हैं। ईरानी उच्च नार्कृत यूरेनियम कई ठिकानों से हटा लिया गया था, जिससे स्पष्ट होता है कि वास्तविक सफलता में अभी भी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।