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क्या हैं वो 5 देश जहां आज भी राजशाही का जलवा कायम है?

आज भी कई देशों में राजशाही का प्रभाव बना हुआ है, जहां राजा या सम्राट सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक हैं। जानें ब्रुनेई, एस्वातिनी, डेनमार्क, भूटान, और जापान जैसे देशों के बारे में, जहां राजशाही अपने गौरवमयी स्वरूप में विद्यमान है। यह लेख उन देशों की शाही परंपराओं और उनके महत्व को उजागर करता है।
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क्या हैं वो 5 देश जहां आज भी राजशाही का जलवा कायम है?

आधुनिक युग में राजशाही

आधुनिक युग में राजशाही: जब अधिकांश देशों ने लोकतंत्र और गणतंत्र की ओर कदम बढ़ाया है, तब भी कुछ राष्ट्र ऐसे हैं जहां राजशाही का प्रभाव बना हुआ है। कुछ देशों में राजा या सम्राट सर्वोच्च सत्ता के रूप में शासन करते हैं, जबकि अन्य में ये शाही व्यक्ति सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक बनकर रह गए हैं। इसके बावजूद, इनकी उपस्थिति आज भी लाखों लोगों के लिए आकर्षण और परंपरा का प्रतीक है। भारत समेत कई देशों का इतिहास शाही विरासत से जुड़ा है। जहां भारत ने स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र को अपनाया, वहीं कई अन्य स्थानों पर ताज और सिंहासन की परंपरा आज भी जीवित है। आइए जानते हैं उन 5 देशों के बारे में जहां राजशाही आज भी अपने गौरवमयी स्वरूप में विद्यमान है।


ब्रुनेई

ब्रुनेई: दक्षिण-पूर्व एशिया का एक छोटा लेकिन अत्यंत समृद्ध देश ब्रुनेई आज भी पूर्ण रूप से राजतंत्र पर आधारित है। यहां के सुल्तान हसनल बोलकिया न केवल कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के प्रमुख हैं, बल्कि वे दुनिया के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सम्राटों में से एक माने जाते हैं। सुल्तान की संपत्ति और भव्य जीवनशैली विश्वभर में चर्चित है।


एस्वातिनी

एस्वातिनी: पूर्व में स्वाजीलैंड के नाम से जाना जाने वाला एस्वातिनी अफ्रीका का एकमात्र ऐसा देश है जहां राजा के पास पूर्ण सत्ता है। राजा एम्सवाती तृतीय संसद को भंग करने, मंत्रिमंडल नियुक्त करने और न्यायपालिका में हस्तक्षेप करने की शक्ति रखते हैं। यहां लोकतंत्र का ढांचा मौजूद है, लेकिन वास्तविक शक्ति केवल शाही सिंहासन पर केंद्रित है।


डेनमार्क

डेनमार्क: डेनमार्क यूरोप का एक ऐसा देश है जहां आधुनिक लोकतंत्र के साथ-साथ शाही परंपरा भी जीवित है। जनवरी 2024 में महारानी मार्ग्रेट द्वितीय ने सिंहासन छोड़ा और उनके पुत्र फ्रेडरिक X ने राजगद्दी संभाली। हालांकि शाही परिवार के पास कोई राजनीतिक अधिकार नहीं हैं, लेकिन वे अब भी राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पहचान का गौरवशाली प्रतीक बने हुए हैं।


भूटान

भूटान: भारत का पड़ोसी देश भूटान एक संवैधानिक राजतंत्र है जो अपनी "ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस" नीति के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां के राजा जिग्मे खेसर नाम्ग्येल वांगचुक विकास कार्यों और नीति निर्धारण में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। जनता उन्हें श्रद्धा से 'ड्रैगन किंग' कहती है, और उनका शासन मॉडल आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत मेल प्रस्तुत करता है।


जापान

जापान: जापान का शाही परिवार दुनिया का सबसे पुराना निरंतर शासन करने वाला वंश माना जाता है। वर्तमान सम्राट नरुहितो केवल सांकेतिक भूमिका निभाते हैं, उनके पास कोई राजनीतिक अधिकार नहीं हैं। इसके बावजूद, जापानी समाज में सम्राट को राष्ट्र की आत्मा और परंपरा का प्रतीक माना जाता है। उनका अस्तित्व जापानी एकता, संस्कृति और गौरव का प्रतिनिधित्व करता है।


भारत

भारत: भारत में भी एक समय पर सैकड़ों रियासतें हुआ करती थीं। जयपुर, जोधपुर, मैसूर, और ग्वालियर जैसे स्थान आज भी अपनी शाही विरासत के लिए पहचाने जाते हैं। 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और संविधान लागू होने के साथ ही राजशाही की राजनीतिक शक्तियां समाप्त कर दी गईं। हालांकि कुछ राजघराने अब भी सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से प्रभावशाली बने हुए हैं।


राजशाही का महत्व

राजशाही का महत्व: राजशाही चाहे कितनी भी पुरानी परंपरा क्यों न हो, लेकिन यह आज भी कई देशों की पहचान, संस्कृति और गर्व से जुड़ी हुई है। चाहे वह पूर्ण सत्ता वाली हो या केवल सांकेतिक, राजाओं और सम्राटों की मौजूदगी अब भी लोगों के मन में आदर और उत्सुकता का विषय बनी हुई है।