क्रोनिक फटीग सिंड्रोम: लक्षण, कारण और देखभाल के उपाय

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम क्या है?
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम: कई बार हम अपनी दिनभर की थकान को नजरअंदाज कर देते हैं, जो एक गंभीर समस्या हो सकती है। यह थकान अक्सर क्रोनिक फटीग सिंड्रोम का संकेत होती है, जो एक प्रकार की बीमारी है। यह विशेष रूप से उन लोगों में देखा जाता है जो 12 से 14 घंटे काम करते हैं। इस सिंड्रोम को विभिन्न नामों से जाना जाता है।
हाल ही में, बॉलीवुड की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर अपने क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के बारे में बताया है। आइए जानते हैं कि यह सिंड्रोम क्या है और इसके लक्षण क्या होते हैं।
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षण
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षण
- बिना किसी कारण के थकान महसूस होना
- नींद लेने के बाद भी तरोताजा न लगना
- शरीर और मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- याददाश्त में कमी
- खड़े होने पर चक्कर आना या कमजोरी महसूस होना
- हल्का काम करने पर भी थकावट बढ़ जाना
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के कारण
इसकी उत्पत्ति कैसे होती है?
इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी
जब शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता ठीक से काम नहीं करती, तो थकान बनी रहती है।
मानसिक तनाव
लगातार तनाव, चिंता या डिप्रेशन भी इस समस्या को जन्म दे सकते हैं।
हार्मोन असंतुलन
शरीर के कुछ हार्मोन (जैसे थायरॉइड या एड्रिनल) का असंतुलन भी इसमें भूमिका निभाता है।
खराब लाइफस्टाइल
नींद की कमी, अनहेल्दी डाइट और व्यायाम की कमी शरीर को कमजोर बना सकती है।
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम की देखभाल
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम की देखभाल
रोजाना पूरी नींद लें
7-8 घंटे की गहरी नींद लें। सोने और उठने का समय तय रखें और मोबाइल स्क्रीन से दूरी बनाए रखें।
संतुलित आहार लें
हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन और भरपूर पानी लें। जंक फूड और भूखे रहने से बचें।
हल्का व्यायाम करें
योगा, वॉकिंग या स्ट्रेचिंग जैसे हल्के व्यायाम करें। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
तनाव कम करें
ध्यान (मेडिटेशन), प्राणायाम और समय-समय पर ब्रेक लें। जरूरत हो तो काउंसलिंग लें।
डॉक्टर की सलाह लें
अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से सलाह लें। दवाइयां, थेरेपी या टेस्ट जरूरी हो सकते हैं।