गदर आंदोलन पर नई रोशनी: राणा प्रीत गिल की पुस्तक का विमोचन
गदर आंदोलन पर प्रकाश डालती पुस्तक का विमोचन
(चंडीगढ़) चंडीगढ़ प्रेस क्लब में राणा प्रीत गिल की नई पुस्तक 'द गदर मूवमेंट' का विमोचन किया गया। यह पुस्तक ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ एक साहसी लेकिन कम चर्चित क्रांतिकारी आंदोलन की कहानी को उजागर करती है। गहन शोध और प्रभावशाली लेखन के साथ, यह पुस्तक 1913 में अमेरिका में बसे भारतीय प्रवासियों द्वारा शुरू किए गए अंतरराष्ट्रीय विद्रोह की घटनाओं को प्रस्तुत करती है।
पुस्तक विमोचन समारोह में प्रमुख हस्तियां
गदर आंदोलन का नेतृत्व लाला हरदयाल और कर्तार सिंह सराभा जैसे क्रांतिकारियों ने किया, जिनका उद्देश्य भारतीय सेना में विद्रोह भड़काना और हथियारों की तस्करी के माध्यम से देश को स्वतंत्र करना था। हालांकि यह आंदोलन अपने लक्ष्य में सफल नहीं हुआ, लेकिन इसने स्वतंत्रता संग्राम पर गहरा प्रभाव डाला। पुस्तक का विमोचन पंजाब सरकार के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. हरीश पुरी और प्रो. चमन लाल भी मौजूद थे। दोनों ने राणा प्रीत गिल की सराहना की और इस महत्वपूर्ण क्रांतिकारी अध्याय को उजागर करने के लिए उनके प्रयासों की प्रशंसा की। राणा प्रीत गिल ने कहा कि यह पुस्तक उन नायकों को समर्पित है जिन्होंने स्वतंत्र भारत का सपना देखा और उसके लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।
गदर आंदोलन की प्रेरणा
गदर आंदोलन, भले ही अपने लक्ष्य में सफल न हो सका, लेकिन इसने भगत सिंह जैसे भविष्य के क्रांतिकारियों को प्रेरित किया। राणा प्रीत गिल ने कहा कि इस कहानी को बार-बार सुनाए जाने की आवश्यकता है। अपने पूर्व उपन्यासों और पत्रकारिता के लिए जानी जाने वाली राणा प्रीत गिल ने इस पुस्तक में भी शोध और संवेदनशीलता का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत किया है, जो इतिहास प्रेमियों और देशभक्तों के लिए प्रेरणादायक है।
