गर्भवती महिलाओं के लिए चंद्रग्रहण के दौरान सावधानियाँ

चंद्रग्रहण का महत्व और गर्भवती महिलाओं के लिए सुझाव
चंद्रग्रहण केवल एक खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ भी हैं। हिंदू धर्म में इसे एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय और आध्यात्मिक परिवर्तन के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है। इसीलिए ग्रंथों में गर्भवती महिलाओं को इस दौरान सावधान रहने की सलाह दी गई है। आज, 7 सितंबर 2025 को, एक महत्वपूर्ण चंद्रग्रहण होने जा रहा है। सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा और ग्रहण रात 9:58 बजे से 1:26 बजे तक रहेगा।
गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए?
1- ग्रहण शुरू होने से पहले घर के सभी दरवाज़ों और खिड़कियों को पर्दे या अखबार से ढक दें।
2- ग्रहण के समय मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए ध्यान लगाना और मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।
3- ग्रहण शुरू होने से पहले और समाप्त होने के बाद स्नान करना आवश्यक है।
4- इस समय धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना भी लाभकारी हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
- ग्रहण के समय की ऊर्जा भ्रूण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, इसलिए घर के अंदर ही रहें।
- कैंची, सुई, चाकू आदि का उपयोग न करें, क्योंकि इससे शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- इस समय धातु की वस्तुएं पहनने से बचें।
- ग्रहण के समय सोने से बचें, लेकिन आराम कर सकती हैं।