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गर्भावस्था में गंभीर उल्टी: मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव और उपचार

गर्भावस्था के दौरान उल्टी और जी मिचलाने की समस्या को अक्सर सामान्य माना जाता है, लेकिन यह गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है। हाल ही में एक अध्ययन में यह पाया गया है कि हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम से प्रभावित महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम 50% से अधिक बढ़ जाता है। जानें इस स्थिति के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में, ताकि आप सही समय पर मदद ले सकें।
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गर्भावस्था में गंभीर उल्टी: मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव और उपचार

गर्भावस्था में उल्टी की गंभीरता

गर्भावस्था के दौरान सुबह की उल्टी या जी मिचलाना सामान्य माना जाता है। हालांकि, यदि यह समस्या गंभीर हो जाए, तो यह केवल शारीरिक परेशानी नहीं, बल्कि मां के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन सकती है। हाल ही में एक अध्ययन में यह पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक उल्टी और मतली (हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम - HG) से प्रभावित महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम 50% से अधिक बढ़ जाता है।


हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (HG) क्या है?

हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (HG) मॉर्निंग सिकनेस का एक गंभीर रूप है, जो 1-2% गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। इस स्थिति में महिलाएं दिन में कई बार उल्टी करती हैं और उन्हें खाने-पीने में कठिनाई होती है, जिससे उनका वजन तेजी से घटता है और शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो जाती है। कभी-कभी, स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है।


मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए एक अध्ययन में 7 लाख से अधिक महिलाओं पर शोध किया गया। इसके परिणाम चौंकाने वाले हैं:
  • डिप्रेशन का खतरा: HG से प्रभावित महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद डिप्रेशन का खतरा 80% तक बढ़ जाता है।
  • आत्महत्या के प्रयास: इन महिलाओं में आत्म-हानि और आत्महत्या के प्रयासों की घटनाएं अधिक देखी गई हैं।
  • गर्भपात के विचार: लगातार दर्द और तकलीफ के कारण कई महिलाओं के मन में गर्भपात के विचार आने लगते हैं।
यह स्थिति महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर बना देती है, जिससे वे चिंता, डिप्रेशन और PTSD का शिकार हो जाती हैं।


समस्या का कारण और उपचार

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस गंभीर स्थिति के पीछे GDF15 नामक हार्मोन जिम्मेदार हो सकता है। वर्तमान में, इसका उपचार उल्टी रोकने वाली दवाओं से किया जाता है। अच्छी खबर यह है कि एक नई दवा पर काम चल रहा है जो सीधे GDF15 हार्मोन को ब्लॉक कर सकेगी, जिससे भविष्य में इस बीमारी का बेहतर उपचार संभव हो सकेगा। यह अध्ययन एक चेतावनी है कि गर्भावस्था में गंभीर उल्टी को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है, जिसमें महिलाओं को शारीरिक उपचार के साथ-साथ मजबूत मानसिक सहारे की भी आवश्यकता होती है।