गर्मी में स्वास्थ्य सुरक्षा: हीटवेव से बचने के उपाय

गर्मी की लहर का खतरा:
गर्मी का मौसम हर साल आता है, लेकिन हीटवेव के कारण हजारों लोग बीमार पड़ जाते हैं। अधिकांश लोग एक सामान्य लेकिन गंभीर गलती करते हैं, जिससे वे हीट स्ट्रोक या डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं। वर्तमान में, देश के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है। दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान जैसे क्षेत्रों में लू का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि शाम के समय भी इसका प्रभाव महसूस किया जा रहा है। मौसम विभाग ने यहां रेड अलर्ट जारी किया है। गर्मियों में लोग डिहाइड्रेशन का शिकार क्यों होते हैं? आइए जानते हैं इसके कारण।
लू का प्रभाव केवल शरीर पर नहीं!
गर्मी की लहर का असर केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। लू का प्रभाव मस्तिष्क पर इस हद तक होता है कि यह ब्रेन स्ट्रोक, तनाव और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। अत्यधिक गर्मी से सोचने-समझने की क्षमता में कमी आ सकती है।
गर्मी में सबसे बड़ी गलती क्या है?
गर्मी में बीमार होने का मुख्य कारण पानी का कम सेवन करना है। डॉक्टर कुणाल के अनुसार, शरीर में पानी की कमी से ऑक्सीजन की आपूर्ति और रक्त संचार धीमा हो जाता है, जिससे हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। गर्मियों में हर व्यक्ति को प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही, हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थों को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
पानी की आवश्यकता क्यों है?
पानी हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखता है। गर्मियों में कई बार पाचन संबंधी समस्याएं भी पानी की कमी के कारण होती हैं। गुस्सा, चिड़चिड़ापन और नींद न आना भी पानी की कमी के लक्षण हैं, जो गर्मियों में बढ़ सकते हैं। पानी ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे त्वचा की समस्याएं भी कम होती हैं।
कुछ अन्य सुझाव
- पानी के अलावा नींबू पानी, ORS का घोल और शरबत का सेवन करें।
- बेल का शरबत, गन्ने का जूस, गुड़ का पानी या कोकम शरबत का सेवन करें।
- लस्सी, छाछ और दही का सेवन अवश्य करें।
- मसालेदार भोजन के बजाय दाल-चावल, खिचड़ी और लौकी, तुरई जैसी सब्जियों का सेवन करें।