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गाजियाबाद में सरकारी डॉक्टर के साथ साइबर ठगी का मामला, 40.50 लाख की धोखाधड़ी

गाजियाबाद में एक सरकारी चिकित्सक को साइबर अपराधियों ने 40.50 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। आरोपियों ने उन्हें व्हाट्सएप कॉल के जरिए जेल भेजने की धमकी देकर डराया और पैसे ट्रांसफर करवा लिए। जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जानें इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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गाजियाबाद में सरकारी डॉक्टर के साथ साइबर ठगी का मामला, 40.50 लाख की धोखाधड़ी

गाजियाबाद में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं

गाजियाबाद समाचार: गाजियाबाद और एनसीआर क्षेत्र में साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में, एक सरकारी चिकित्सक के साथ ऐसा ही एक मामला सामने आया है। मोदीनगर के निवाड़ी पीएससी के प्रभारी को साइबर अपराधियों ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए दो दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बना लिया। इस दौरान, आरोपियों ने उन्हें विभिन्न आरोपों में फंसाने और जेल भेजने की धमकी देकर डराया और 40.50 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। जब ठगी का पता चला, तो पीड़ित ने गाजियाबाद साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


जेल भेजने की धमकी का सहारा

जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के गोविंदपुरम में रहने वाले डॉक्टर रविंद्र प्रताप सिंह निवाड़ी पीएससी में प्रभारी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि कांवड़ यात्रा की ड्यूटी के दौरान उन्हें एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके खाते में अवैध लेनदेन हो रहा है और वह जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। आरोपी ने उन्हें जेल भेजने की धमकी देते हुए कहा कि उन्हें अपने खाते की रकम को निर्दिष्ट खातों में ट्रांसफर करना होगा ताकि जांच की जा सके।


धोखाधड़ी का शिकार, 40.50 लाख रुपये का नुकसान

इस दौरान, पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति ने खुद को उच्च अधिकारी बताया। कॉल करने वाले ने उन्हें बताया कि इस मामले में कई सालों तक जमानत नहीं मिलने का डर है। इसके बाद, आरोपियों ने कहा कि उन्हें पैसे को निर्दिष्ट खातों में ट्रांसफर करना होगा, और यदि जांच में पैसे गलत नहीं पाए गए, तो उन्हें वापस कर दिया जाएगा। पीड़ित ने अपने खाते से 40.50 लाख रुपये आरोपियों के बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। दो दिन बाद जब उन्होंने उस नंबर पर संपर्क किया, तो आरोपी ने फोन नहीं उठाया। तब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ। फिलहाल, गाजियाबाद क्राइम थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।