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गुरुवार की पूजा: हल्दी का महत्व और लाभ

गुरुवार की पूजा भगवान विष्णु और बृहस्पति को समर्पित होती है, जिसमें हल्दी का विशेष महत्व है। इस दिन पीला रंग शुभ माना जाता है और हल्दी का उपयोग आर्थिक बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। जानें कैसे हल्दी से भगवान विष्णु का अभिषेक करने से लक्ष्मी नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कैसे 21 गुरुवार का व्रत रखने से भक्त की इच्छाएं पूरी होती हैं।
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गुरुवार की पूजा: हल्दी का महत्व और लाभ

गुरुवार की पूजा का महत्व


गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन पीला रंग विशेष रूप से शुभ माना जाता है। सुबह स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनना और पूजा करना लाभकारी माना जाता है।


हल्दी इस पूजा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसे भगवान विष्णु और बृहस्पति से जोड़ा जाता है। यह माना जाता है कि हल्दी घर में सकारात्मकता लाती है और समृद्धि को बढ़ावा देती है। इसके उपयोग से आर्थिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिलती है।


हल्दी का उपयोग पूजा में

गुरुवार की पूजा में हल्दी का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है। हल्दी के पानी से स्नान करना, माथे पर हल्दी का तिलक करना, या मुख्य द्वार पर हल्दी का पानी छिड़कना शुभ माना जाता है। यह आर्थिक बाधाओं को कम करने में सहायक होता है।


इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। स्नान के बाद, भगवान विष्णु और बृहस्पति की मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं। पूजा में पीले फूल, हल्दी, गुड़, चना दाल और किशमिश चढ़ाए जाते हैं।


आर्थिक लाभ और आशीर्वाद

हल्दी वाले पानी से भगवान विष्णु का अभिषेक करने से लक्ष्मी नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे आर्थिक लाभ, करियर में उन्नति और बृहस्पति के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है। पूजा के अंत में केले के पेड़ की पूजा की जाती है, जिस पर हल्दी वाला पानी चढ़ाया जाता है।


बृहस्पति व्रत कथा का पाठ करने और आरती करने से ज्ञान, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। लगातार 21 गुरुवार का व्रत रखने से भक्त की इच्छाएं पूरी होती हैं।