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गुर्दे में पथरी: पुरुषों में अधिक जोखिम और रोकथाम के उपाय

गुर्दे में पथरी की समस्या पुरुषों में अधिक आम है, जिसमें 13% पुरुष और 7% महिलाएं प्रभावित होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों को पहले पथरी हो चुकी है, उनमें से आधे को फिर से यह समस्या हो सकती है। इस लेख में, हम पथरी के कारण, इसके उपचार और रोकथाम के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे पर्याप्त पानी पीने और कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करके आप इस समस्या से बच सकते हैं।
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गुर्दे में पथरी: पुरुषों में अधिक जोखिम और रोकथाम के उपाय

गुर्दे में पथरी का जोखिम

स्वास्थ्य समाचार: जीवनभर गुर्दे में पथरी होने की संभावना पुरुषों में 13% और महिलाओं में केवल 7% होती है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि 35% से 50% लोग, जो पहले गुर्दे में पथरी का सामना कर चुके हैं, उन्हें अगले पांच वर्षों में फिर से पथरी हो सकती है।



आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि पथरी से कोई गंभीर समस्या नहीं होती, लेकिन यह दर्द का कारण बन सकती है। आमतौर पर गुर्दे में बनने वाली पथरी छोटी होती है और पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है। हालांकि, कुछ पथरियां गुर्दे या मूत्र नली में फंस सकती हैं, जिससे समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


पथरी के उपचार और रोकथाम

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि फंसी हुई पथरी को निकालने के कई तरीके हैं। जिन लोगों को एक बार पथरी होती है, उनमें से आधे को जीवन में दोबारा पथरी होने की संभावना होती है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से इस समस्या को रोका जा सकता है।


उन्होंने कहा, "जब पथरी गुर्दे या मूत्र नली में फंस जाती है, तो दर्द बढ़ जाता है और मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है। कभी-कभी पथरी इतनी बड़ी होती है कि यह मूत्र नली को पूरी तरह से बंद कर देती है, जिससे गुर्दे में संक्रमण या क्षति हो सकती है।" एक्स-रे के माध्यम से पथरी का पता लगाया जा सकता है और बड़ी पथरी को निकाला जा सकता है।


पथरी की समस्या से निपटने के उपाय:



  1. दिन में कम से कम दो लीटर पानी पीने से पेशाब की मात्रा बढ़ती है, जिससे पथरी बनने का खतरा कम होता है।

  2. विशेष ब्रांड के पानी का सेवन करने से पथरी की समस्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

  3. यदि अधिक पानी पीने से पथरी की समस्या नहीं रुकती है, तो थाइजाइड ड्युरेक्टिक, सिट्रेट या एलोप्युरिनोल जैसी दवाएं ली जा सकती हैं।

  4. कॉम्बिनेशन थेरेपी मोनोथेरेपी से अधिक प्रभावी नहीं होती है।

  5. कोला और फास्फोरिक एसिड वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।

  6. फलों के स्वाद वाले साफ्ट ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है।

  7. चॉकलेट, चुकंदर, मूंगफली, पालक, स्ट्रॉबेरी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

  8. प्रोटीन और प्यूरीन का सेवन कम करना चाहिए।