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गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे स्वास्थ्य और संस्कृति के नए युग की शुरुआत बताया। विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपराओं और आयुर्वेद को समर्पित होगा। जानें इस उद्घाटन के महत्व और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
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गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का गोरखपुर दौरा


उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। यह विश्वविद्यालय पिपरी, भटहट क्षेत्र में स्थित है और इसकी स्थापना पर 268 करोड़ रुपये की लागत आई है। उद्घाटन समारोह में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।


स्वास्थ्य और संस्कृति का नया युग: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विश्वविद्यालय के उद्घाटन को राज्य में स्वास्थ्य और संस्कृति के नए युग की शुरुआत के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ की पवित्र भूमि पर राष्ट्रपति की उपस्थिति में यह उद्घाटन स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई दिशा देगा।


चिकित्सा शिक्षा का केंद्र बनेगा विश्वविद्यालय

योगी ने विश्वास व्यक्त किया कि गोरखपुर की यह पवित्र भूमि 'आरोग्यधाम-ज्ञानधाम' के रूप में विकसित होगी। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपराओं, योग, आयुर्वेद और समग्र स्वास्थ्य के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।


शिक्षा का महत्व

गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर आदित्यनाथ ने क्षेत्र की आध्यात्मिक और सेवा-उन्मुख विरासत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा सभ्य, सुसंस्कृत और सशक्त समाज की नींव है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह विश्वविद्यालय मूल्य-आधारित नवाचार और कौशल-उन्मुख अनुसंधान का एक गतिशील केंद्र बनेगा।