गोवा शिपयार्ड ने लॉन्च किया स्वदेशी पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल 'समुरा प्रचेत'

भारत की समुद्री सुरक्षा में नया अध्याय
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने मंगलवार को अपने दूसरे स्वदेशी पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल 'समुरा प्रचेत' का सफल जलावतरण किया। यह जहाज भारतीय तटरक्षक बल के लिए डिजाइन की गई दो जहाजों की श्रृंखला का अंतिम पोत है। पहले जहाज 'GSL यार्ड 1267' को 29 अगस्त 2024 को लॉन्च किया गया था और यह अब डिलीवरी के अंतिम चरण में है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम
इस महत्वपूर्ण लॉन्च के साथ, GSL और भारतीय तटरक्षक बल ने 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को और मजबूती से आगे बढ़ाया है। स्वदेशी डिज़ाइन और निर्माण ने भारत की नौसेना क्षमताओं में आत्मनिर्भरता का एक ठोस उदाहरण प्रस्तुत किया है।
'समुरा प्रचेत' का भव्य जलावतरण
इस अवसर पर विशेष अतिथि श्रीमती प्रिया परमेश ने जहाज का जलावतरण किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि (AVSM, PTM, TM) थे। इस समारोह में IG भीष्म शर्मा (PTM, TM), IG सुधीर साहनी (TM), और गोवा शिपयार्ड के CMD श्री बृजेश कुमार उपाध्याय सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
उन्नत तकनीक से लैस पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल
'समुरा प्रचेत' पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित है, जिसकी लंबाई 114.5 मीटर, चौड़ाई 16.5 मीटर और वजन 4170 टन है। यह जहाज अत्याधुनिक रिस्पॉन्स उपकरणों से सुसज्जित है, जो भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में तेल रिसाव जैसी पर्यावरणीय आपदाओं का प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम है।
स्थानीय उद्योगों को मिला प्रोत्साहन
इस परियोजना ने न केवल समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा दिया है, बल्कि गोवा में स्थानीय उद्योगों, MSMEs और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन दिया है। जहाज निर्माण गतिविधियों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है।
'समुरा प्रचेत' से आत्मनिर्भरता को नई दिशा
DG परमेश शिवमणि ने कार्यक्रम में कहा कि पॉल्यूशन रिस्पॉन्स वेसल्स भारतीय तटरक्षक बल के लिए समुद्री क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। GSL और ICG के बीच बेहतरीन तालमेल ने देश में रक्षा निर्माण की आत्मनिर्भरता को मजबूती दी है। उन्होंने GSL के कर्मचारियों को इस महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करने के लिए बधाई दी।
भारत की पोत निर्माण क्षमता का प्रतीक
'समुरा प्रचेत' का सफल निर्माण यह दर्शाता है कि भारत अब अत्याधुनिक पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल्स का निर्माण करने में पूरी तरह सक्षम है। यह GSL को उन अग्रणी शिपयार्ड्स की श्रेणी में लाकर खड़ा करता है जो पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक समाधान प्रदान करने में सक्षम हैं।