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गोहाना में फाइनेंसर की प्रताड़ना से युवक ने की आत्महत्या

गोहाना में एक युवक ने फाइनेंसर की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने समाज के कमजोर वर्गों पर बढ़ते दबाव को उजागर किया है। मृतक बच्चन ने अपने सुसाइड नोट में मानसिक तनाव और दबाव का जिक्र किया है। उसकी पत्नी का कहना है कि उसने फाइनेंसर से लिए गए पैसे समय पर चुका दिए थे, फिर भी उसे राहत नहीं मिली। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जानें इस दुखद घटना के पीछे की पूरी कहानी।
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गोहाना में फाइनेंसर की प्रताड़ना से युवक ने की आत्महत्या

गोहाना में आत्महत्या की घटना का खुलासा

गोहाना समाचार: एक युवक ने फाइनेंसर की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली, जिसमें उसने अपने दर्द को एक सुसाइड नोट में व्यक्त किया: गोहाना में एक बार फिर कमजोर वर्गों पर बढ़ते दबाव की कहानी सामने आई है। गांधी नगर का निवासी बच्चन, जो रोज जलेबी बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था, ने फाइनेंसरों के उत्पीड़न के कारण आत्महत्या कर ली।


दुकान में फंदा लगाकर दी जान


जानकारी के अनुसार, बच्चन रोज की तरह महम रोड पर स्थित अपनी किराए की दुकान में गया। वहां उसने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जब किसी ने दुकान में झांककर देखा, तो पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस और FSL टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।


बच्चन सड़क किनारे जलेबी बेचकर अपने परिवार का गुजारा करता था, लेकिन फाइनेंसरों से जुड़ी समस्याओं ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया।


सुसाइड नोट में खुलासा, पैसे चुकाने के बावजूद नहीं मिली राहत


मृतक की पत्नी का कहना है कि बच्चन ने अपने एक मित्र के लिए फाइनेंसर से 13 हजार रुपये ब्याज पर लिए थे। सभी पैसे समय पर चुका दिए गए थे, फिर भी फाइनेंसर ने उसकी बाइक ले ली और लगातार दबाव बनाता रहा। सुसाइड नोट में बच्चन ने मानसिक तनाव और दबाव का जिक्र किया है।


यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं है, बल्कि उधारी और ब्याज के अनैतिक दबाव की दुखद परिणति है।


पुलिस ने मामला दर्ज किया, एफएसएल टीम जांच में जुटी


गोहाना सिटी थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि मौके पर FSL टीम को बुलाकर साक्ष्य एकत्र किए गए हैं। सुसाइड नोट पुलिस के पास है और उसकी जांच की जा रही है। परिजनों के बयान के आधार पर फाइनेंसर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


पुलिस का मानना है कि यह मामला पैसे के लेन-देन से संबंधित है, लेकिन जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।