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गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटना: जयपुर के पायलट सहित सात की मौत

गौरीकुंड के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जयपुर के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर चौहान समेत सात लोगों की मौत हो गई। राजवीर अपने नवजात बच्चों से मिलने के बाद काम पर लौटे थे। उनके परिवार ने एक पारंपरिक जलवा पूजन समारोह की योजना बनाई थी, जो अब अधूरी रह गई है। मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। यह दुर्घटना चारधाम मार्ग पर हाल के समय में हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है, जो सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही है।
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गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटना: जयपुर के पायलट सहित सात की मौत

दुर्घटना का विवरण

शनिवार को गौरीकुंड के निकट एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जयपुर के 37 वर्षीय पायलट, लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) राजवीर सिंह चौहान समेत कम से कम सात लोगों की जान चली गई। राजवीर चौहान अपने परिवार और चार महीने के जुड़वां बच्चों से मिलने के बाद लगभग 20 दिन पहले ही अपने कार्य पर लौटे थे।


परिवार की योजना

राजवीर के पिता, गोविंद चौहान ने बताया कि वे 30 जून को अपने नवजात बच्चों के लिए पारंपरिक राजस्थानी जलवा पूजन समारोह का आयोजन करने की योजना बना रहे थे। गोविंद ने कहा कि राजवीर शादी के 14 साल बाद पिता बने थे और इस खास समारोह की तैयारी चल रही थी, लेकिन अब यह सब अधूरा रह गया है।


हेलीकॉप्टर की यात्रा

गुप्तकाशी की ओर जा रहा था हेलीकॉप्टर 

हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी की दिशा में उड़ान भर रहा था, जब यह शनिवार सुबह रुद्रप्रयाग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। राजवीर पिछले साल भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त हुए थे और अक्टूबर में देहरादून स्थित एक निजी हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़े थे। गोविंद ने कहा कि राजवीर 20 दिन पहले देहरादून लौटे थे और किसी ने नहीं सोचा था कि वे वापस नहीं आएंगे।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

मुख्यमंत्री ने जताया शोक

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को धैर्य रखने का संदेश दिया। युवा मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह ने भी अपने ट्वीट में राजवीर के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया और परिवार के प्रति सहानुभूति जताई।


अन्य पीड़ितों की पहचान

दुर्घटना में अन्य पीड़ितों की पहचान राजकुमार सुरेश जयसवाल, श्रद्धा राजकुमार जयसवाल, दो वर्षीय काशी, विक्रम, विनोद देव और तुस्ती सिंह के रूप में हुई है। यह घटना चारधाम मार्ग पर 40 दिन के भीतर हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है, जो क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही है।