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ग्रेटर नोएडा में जल संरक्षण के लिए स्मार्ट वाटर मीटर की स्थापना

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 5095 स्मार्ट वाटर मीटर लगाने की योजना बनाई है। यह पहल आवासीय, औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों को शामिल करती है। स्मार्ट मीटर से जल उपयोग की निगरानी होगी और अनावश्यक बर्बादी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि मीटर लगाने के बाद भी मौजूदा दरों पर ही शुल्क लिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य नागरिकों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है।
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ग्रेटर नोएडा में जल संरक्षण के लिए स्मार्ट वाटर मीटर की स्थापना

जल संरक्षण के लिए उठाया गया कदम

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पानी की बचत और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत, पहले चरण में 5095 स्मार्ट वाटर मीटर लगाने की योजना बनाई गई है, जिसमें आवासीय, औद्योगिक, व्यावसायिक, संस्थागत और आईटी क्षेत्र के सभी आवंटियों को शामिल किया गया है। सभी सेक्टरों की सूची तैयार कर ली गई है और मीटर लगाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जा रही है। प्राधिकरण का मानना है कि स्मार्ट मीटर से जल उपयोग पर नियंत्रण रहेगा और नागरिकों में पानी की बचत के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।


स्मार्ट मीटर सभी श्रेणियों में लगाए जाएंगे

पायलट प्रोजेक्ट के तहत पिछले वर्ष सेक्टर-1 की वेलेंसिया होम्स और सेक्टर-10 की अरिहंत सोसाइटी में वाटर मीटर लगाए गए थे, जिनके सकारात्मक परिणामों के बाद इस योजना का विस्तार किया जा रहा है। जल विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि पहले चरण में 129 बिल्डर सोसायटियों, 31 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, 64 ग्रुप हाउसिंग, 1072 उद्योगों, 51 स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ कई आईटी संस्थानों और आवासीय मकानों में मीटर लगाए जाएंगे।


टेक्नोलॉजी के माध्यम से जल की बचत

स्मार्ट वाटर मीटर में सिम कार्ड आधारित सेंसर होंगे, जिससे प्राधिकरण को रियल टाइम डेटा प्राप्त होगा। इससे पानी के वास्तविक उपयोग की निगरानी संभव होगी और अनावश्यक बर्बादी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। यह न केवल जल की बचत करेगा, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगा।


शुल्क में नहीं होगा कोई बदलाव

प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि मीटर लगाने के बाद भी मौजूदा दरों के आधार पर ही शुल्क लिया जाएगा, जिससे लोगों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि पानी की बचत के लिए स्मार्ट मीटरिंग की योजना चलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो सभी को इसमें शामिल किया जाएगा।