ग्रेटर नोएडा में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में त्वचा रोगों का बढ़ता खतरा

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य संकट
ग्रेटर नोएडा समाचार: यमुना नदी के किनारे स्थित नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी के कारण त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। राहत शिविरों में पिछले तीन दिनों में 154 से अधिक मरीजों का उपचार किया गया है, जिनमें से अधिकांश त्वचा रोगों से ग्रस्त हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन स्थानीय लोग बीमारी फैलने की चिंता में हैं।
त्वचा रोग, बुखार और पेट दर्द के मरीजों की संख्या में वृद्धि
डॉक्टरों की रिपोर्ट: जिला पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, डॉक्टर अमित कुमार के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अब तक 16 बाढ़ चैकियों पर सेवाएं प्रदान की हैं। इन शिविरों में आने वाले मरीजों में त्वचा संबंधी समस्याएं, बुखार, सर्दी-खांसी और पेट दर्द की शिकायतें आम हैं। चिकित्सकों ने मौके पर दवाएं वितरित की और आवश्यक सलाह दी।
स्वास्थ्य विभाग की राहत गतिविधियाँ
क्लोरीन की वितरण: स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 2600 क्लोरीन टैबलेट्स, 1700 ओआरएस पैकेट और 250 बुखार की गोलियां वितरित की हैं। इसके साथ ही, मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए फॉगिंग और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रयास
स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 50 से अधिक चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा, छह एंबुलेंस को 24 घंटे चालकों और ईएमटी स्टाफ के साथ सक्रिय रखा गया है।
समुदाय की मदद
स्थानीय संस्थाओं का योगदान: कठिन समय में नोएडा की कई संस्थाएं आगे आई हैं। नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन ने सेक्टर-150 में राहत सामग्री जैसे राशन और दैनिक उपयोग की वस्तुएं वितरित की। सियाराम सनातनी महासभा ने सेक्टर-128 पुस्ता पर भोजन बांटा। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवनीश सिंह ने बताया कि गीता कॉलोनी में पौष्टिक सामग्री जैसे वेज बिरयानी पीड़ितों को दी जा रही है। रोटरी क्लब के चेतन शर्मा ने सेक्टर-135 और सेक्टर-159 के शिविरों में खाद्य सामग्री और दवाइयां वितरित की।