ग्रेटर नोएडा में भूमि आवंटन घोटाले में तीन अधिकारियों का निलंबन

राज्य सरकार की सख्त कार्रवाई
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) द्वारा बिना अधिग्रहण के 8000 वर्ग मीटर भूमि आवंटन के मामले में राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। यह कार्रवाई औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है।
पतवारी गांव का भूमि आवंटन
प्राधिकरण ने 2023 में सेक्टर-2, ग्राम पतवारी में आवासीय प्लॉट योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत मनिन्दर सिंह नागर सहित पांच आवंटियों को 9600 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई थी। जांच में यह पाया गया कि इस भूमि में से केवल 1600 वर्ग मीटर का विधिवत अधिग्रहण किया गया था, जबकि शेष 8000 वर्ग मीटर भूमि अनअधिग्रहीत थी। इसके बावजूद, संबंधित अधिकारियों ने गलत लीज प्लान तैयार कर पूरे क्षेत्रफल को नियोजित कर दिया और आवंटन पत्र जारी कर दिए। जब आवंटियों को भूमि पर कब्जा नहीं मिल सका, तब उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
उच्च न्यायालय की सख्ती
23 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। जांच के बाद कुल 11 अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी पाया गया, जिनमें से तीन को गंभीर दोषी मानते हुए तुरंत निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित अधिकारियों की सूची
1. सुरेश कुमार - तत्कालीन वरिष्ठ ड्राफ्टमैन, वर्तमान में सहायक प्रबंधक (वास्तुविद-नियोजन)
2. कमलेशमणि चौधरी - प्रबंधक, ग्रेटर नोएडा
3. आरके देव - महाप्रबंधक, ग्रेटर नोएडा
मंत्री का बयान
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' ने कहा कि 'यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही शून्य सहिष्णुता नीति के तहत की गई है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाकी कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच जारी है। दोष सिद्ध होने पर उन पर भी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।'