ग्रेड-3 फैटी लिवर: लक्षण और बचाव के उपाय

फैटी लिवर के लक्षण
Fatty Liver Symptoms: बिना शराब के सेवन के भी ग्रेड-3 फैटी लिवर की समस्या अब आम होती जा रही है, विशेषकर उन लोगों में जो आधुनिक जीवनशैली अपना रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अस्वस्थ खानपान, अत्यधिक जंक फूड का सेवन, शारीरिक गतिविधियों की कमी और मोटापा इसके मुख्य कारण हैं। ग्रेड 3 फैटी लिवर डिजीज, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का सबसे गंभीर रूप माना जाता है। यह समस्या भारत के युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। आइए इस विषय पर विस्तार से जानते हैं।
डॉक्टर की राय
ऑर्थोपेडिक्स सर्जन डॉक्टर ओबैदुर रहमान ने हाल ही में एक 29 वर्षीय महिला का इलाज किया, जो फैटी लिवर की गंभीर स्थिति में थी। उसके हाथ-पैरों में लंबे समय से सूजन थी और उसकी त्वचा पीली पड़ने लगी थी। जब वह इलाज के लिए आई, तो डॉक्टर ने उससे पूछा कि क्या वह शराब पीती है, उसने बताया कि उसने कभी भी शराब या धूम्रपान का सेवन नहीं किया।
डॉक्टर ने बताया कि महिला को कोई पुरानी बीमारी नहीं थी और वह पहले स्वस्थ दिखती थी। लेकिन उसकी 10-12 घंटे की बैठने वाली नौकरी ने उसे बीमार कर दिया। यह मामला उनके लिए भावनात्मक था क्योंकि ऐसा होना बहुत खतरनाक है।
बीमारी के प्रमुख कारण
बाहर का खाना- महिला अपनी लंबी बैठने वाली नौकरी के कारण थक जाती थी, जिससे वह घर पर खाना नहीं बनाती थी। वह लंच के लिए ऑफिस के पास के रेस्टोरेंट जाती थी और रात का खाना बाहर से मंगवाती थी। इस तरह उसकी जीवनशैली में हमेशा बाहर का अस्वस्थ खाना शामिल हो गया।
लंबे समय तक बैठना- महिला की डेस्क जॉब थी, जिसमें वह रोजाना 10 से 12 घंटे एक ही जगह बैठकर काम करती थी। इस कारण वह कभी भी शारीरिक व्यायाम नहीं कर पाती थी। लगातार बैठने से उसके लिवर में फैट जमा होने लगा। इसके अलावा, वह अपनी नींद पूरी नहीं करती थी और बिंज वॉचिंग करती थी।
फैटी लिवर ग्रेड-3 के लक्षण
पीली त्वचा- महिला की त्वचा, हाथ-पैर, हथेलियां और आंखें पीली हो गई थीं।
सूजन- फैटी लिवर ग्रेड-3 में शरीर में सूजन बढ़ जाती है। उसके पैरों की सूजन इतनी अधिक थी कि डॉक्टर जब उसकी त्वचा को छूते थे, तो वह अंदर दब जाती थी।
नीले निशान- फैटी लिवर होने पर त्वचा पर नीले निशान पड़ने लगते हैं। शरीर में खून की कमी होने के कारण हल्की चोट लगने पर भी गहरे धब्बे बन जाते हैं।
बचाव के उपाय
- संतुलित आहार लें, बाहर का खाना कम से कम खाएं।
- मैदे से बनी चीजें और मीठे पेय पदार्थों का सेवन सीमित करें।
- पर्याप्त नींद लेना भी आवश्यक है।
- इसके अलावा, रोजाना कुछ समय व्यायाम करने का प्रयास करें।