ग्लूटाथियोन: एंटी-एजिंग के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व

शेफाली जरीवाला का निधन और ग्लूटाथियोन का महत्व
ग्लूटाथियोन: हाल ही में मनोरंजन क्षेत्र से एक दुखद समाचार आया है। मॉडल और अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का 42 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद उनके निवास से बड़ी मात्रा में एंटी-एजिंग और स्किन लाइटनिंग दवाइयां, विशेषकर ग्लूटाथियोन और विटामिन सी के इंजेक्शन प्राप्त हुए। जानकारी के अनुसार, शेफाली ने बिना किसी चिकित्सकीय देखरेख के लगभग आठ वर्षों तक ये दवाइयां ली थीं। इस स्थिति ने लोगों के मन में यह सवाल उठाया है कि ग्लूटाथियोन क्या है, यह एंटी-एजिंग में किस प्रकार सहायक है और भारत में इसके एक इंजेक्शन की लागत क्या है। हम इन सभी प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
ग्लूटाथियोन का परिचय
ग्लूटाथियोन का मतलब समझें?
ग्लूटाथियोन एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है, जो हमारे शरीर की हर कोशिका में मौजूद होता है। यह फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करता है और कोशिकाओं को क्षति से बचाता है। हालांकि, उम्र बढ़ने, तनाव, अस्वस्थ आहार और प्रदूषण के कारण शरीर में ग्लूटाथियोन का स्तर धीरे-धीरे घटता है।
भारत में, ग्लूटाथियोन का सबसे अधिक उपयोग स्किन लाइटनिंग और एंटी-एजिंग के लिए किया जाता है। यह माना जाता है कि इसके सेवन से त्वचा की रंगत में सुधार होता है। इसलिए, आजकल लोग ग्लूटाथियोन के इंजेक्शन और टैबलेट का सेवन करने लगे हैं।
ग्लूटाथियोन की सुरक्षा
ग्लूटाथियोन कितना सुरक्षित है?
स्वास्थ्य और सौंदर्य विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लूटाथियोन का सेवन बिना चिकित्सकीय देखरेख के नहीं करना चाहिए। ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, जिससे एलर्जी, पेट की समस्याएं या लिवर और किडनी की बीमारियाँ हो सकती हैं। गंभीर मामलों में, यह जानलेवा भी हो सकता है।
ग्लूटाथियोन को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के तरीके
ग्लूटाथियोन को प्राकृतिक रूप से कैसे बढ़ाया जा सकता है?
कई अध्ययन बताते हैं कि ग्लूटाथियोन को बिना दवा या इंजेक्शन के प्राकृतिक रूप से बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए आप अपनी डाइट में कुछ विशेष खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जैसे:
हरी सब्जियाँ, विशेषकर ब्रोकली, गोभी, पालक और टमाटर।
लहसुन और प्याज का सेवन करें, क्योंकि इनमें सल्फर की भरपूर मात्रा होती है, जो ग्लूटाथियोन के उत्पादन में मदद करती है।
अपनी डाइट में विटामिन सी की मात्रा बढ़ाएं, इसके लिए नींबू, संतरा, कीवी, स्ट्रॉबेरी और आंवला का सेवन करें।
इसके अलावा, पर्याप्त नींद लेने से शरीर स्वाभाविक रूप से ग्लूटाथियोन का उत्पादन करता है।
रोजाना हल्का व्यायाम करें और तनाव से दूर रहें।