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घर में स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए वास्तु उपाय

क्या आपके घर में बार-बार बीमारियाँ हो रही हैं? जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसे घर की संरचना और दिशा आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। नीतिका शर्मा, एक ज्योतिषाचार्या, बताती हैं कि नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष से कैसे बचा जा सकता है। इस लेख में दिए गए उपायों से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि मानसिक शांति भी मिलेगी। जानें कैसे सही दिशा में सोना, दवाइयों का प्रबंधन, और घर की सफाई से आप अपने परिवार को बीमारियों से बचा सकते हैं।
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घर में स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए वास्तु उपाय

स्वास्थ्य पर वास्तु का प्रभाव

मौसम में बदलाव के साथ बीमारियों का होना आम है। लेकिन जब एक के बाद एक परिवार का सदस्य बीमार पड़ता है, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। कई प्रयासों के बावजूद, बीमारी घर से दूर नहीं होती। ज्योतिषाचार्या और टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, भारतीय वास्तु शास्त्र में यह बताया गया है कि घर की संरचना, दिशा और ऊर्जा का स्वास्थ्य पर गहरा असर होता है। यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा या वास्तु दोष है, तो व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है। एक स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा धन है। कभी-कभी, व्यक्ति सावधानी बरतने के बावजूद बीमार पड़ता है, जिसका कारण खराब जीवनशैली और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी हो सकती है। लेकिन वास्तु दोष भी एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है।


रोगों के कारण और उपाय

नीतिका शर्मा ने बताया कि यदि घर की उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा बंद है या दक्षिण-पश्चिम दिशा खुली है, तो इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। दक्षिण दिशा में दोष होने पर पितरों का स्मरण करना चाहिए। रसोई में खाना बनाते समय सही दिशा में मुख रखना आवश्यक है। यदि खाना बनाते समय आपका मुख दक्षिण दिशा में है, तो इससे कमर और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, खाना बनाते समय हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख रखें।


दवाइयों का प्रभाव

नीतिका शर्मा ने कहा कि घर में अनावश्यक दवाइयां रखना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। प्राथमिक उपचार की दवाइयां तो होनी चाहिए, लेकिन गैर-जरूरी दवाइयों को तुरंत बाहर निकाल देना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बहुत कमजोर हो गया है, तो उसके पास लाल रंग का कपड़ा रखना चाहिए, क्योंकि लाल रंग ऊर्जा का प्रतीक है।


सोने की दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखकर सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर सोने से रक्त प्रवाह में बाधा आती है, जिससे सिरदर्द, थकावट या अनिद्रा की समस्या हो सकती है।


बिस्तर के नीचे सफाई

सोने वाले बिस्तर के नीचे खाली स्थान होना चाहिए। यदि वहां कबाड़ या भारी सामान रखा है, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसलिए, बिस्तर के नीचे सफाई रखें और अनावश्यक वस्तुएं हटाएं।


शौचालय का स्थान

यदि शौचालय उत्तर-पूर्व दिशा में है, तो यह एक बड़ा वास्तु दोष है। इससे मानसिक तनाव और बीमारियों की आवृत्ति बढ़ती है। इस स्थिति में, रोज सुबह गंगाजल का छिड़काव करें और वास्तु दोष निवारक उपाय अपनाएं।


बेडरूम में आईना

सोते समय यदि आईना व्यक्ति के शरीर को प्रतिबिंबित करता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। बेडरूम में आईना होने पर सोने से पहले उसे ढक देना चाहिए।


रसोई और बाथरूम

यदि रसोई और बाथरूम आमने-सामने हैं, तो यह अग्नि और जल तत्वों का टकराव दर्शाता है। इससे घर के सदस्यों में बीमारियाँ और तनाव बढ़ सकता है।


सूर्य का प्रकाश

घर के भीतर प्रातःकाल सूर्य का प्रकाश अवश्य आना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।


पानी के स्रोत

घर में पानी का टैंक या बोरिंग उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए। गलत दिशा में पानी के स्रोत मानसिक तनाव और रोग का कारण बन सकते हैं।


खाना खाने की दिशा

खाना खाते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके बैठें। इससे पाचन तंत्र सही रहता है और बीमारियों का खतरा कम होता है।


घर के बाहर सफाई

घर के मुख्य दरवाजे के सामने गड्ढा हो तो उसे तुरंत भर दें। कीचड़ या गंदगी को जमा न होने दें।