चंडीगढ़ PGI स्मार्ट ऐप: स्वास्थ्य सेवाओं में नई क्रांति

चंडीगढ़ PGI स्मार्ट ऐप: डॉक्टर और ओपीडी तक पहुंच आसान
चंडीगढ़ PGI स्मार्ट ऐप: स्वास्थ्य सेवाओं में नई क्रांति: चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGI) अब एक स्मार्ट ऐप के जरिए मरीजों के लिए सुविधाएं प्रदान कर रहा है। यह ऐप उन सभी के लिए राहत की खबर है, जो PGI के परिसर में भटकते हुए थक चुके हैं। अब मरीजों को डॉक्टरों की लोकेशन, ओपीडी में भीड़ और रास्ते की जानकारी एक क्लिक पर मिलेगी। इसके साथ ही, सस्ती दवाओं और नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी PGI की सेवाओं को और बेहतर बनाएगी।
चंडीगढ़ PGI: स्मार्ट ऐप, स्मार्ट सुविधाएं
चंडीगढ़ PGI का स्मार्ट ऐप मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। C-DAC नोएडा द्वारा विकसित यह ऐप अस्पताल का नक्शा, डॉक्टर की लोकेशन और ओपीडी तक पहुंचने का मार्ग बताता है। बस एक QR कोड स्कैन करें और जानें कि आपको किस ब्लॉक में जाना है। यह ऐप यह भी बताएगा कि कहां भीड़ कम है, जिससे आपका समय बचे। PGI के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा, “यह ऐप केवल तकनीक नहीं, बल्कि मरीजों की जिंदगी को सरल बनाने का वादा है।”
डिजिटल क्रांति का नया दौर
PGI में डिजिटल सुविधाएं केवल ऐप तक सीमित नहीं हैं। हॉस्पिटल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (HIS-2) के तहत दवाओं की खरीद, मरीजों का रजिस्ट्रेशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि कार्य की गति भी दोगुनी हो गई है। मरीजों को अब लंबी लाइनों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है। यह डिजिटल पहल PGI को देश के सबसे आधुनिक अस्पतालों में से एक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सस्ती दवाओं का नया ठिकाना
PGI में सस्ती दवाओं के लिए पहले से 9 अमृत स्टोर कार्यरत हैं, जहां बाजार से 85% सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं। अब इमरजेंसी ब्लॉक के पास एक नया अमृत स्टोर खुलने जा रहा है, जिससे गंभीर मरीजों को तुरंत दवाएं मिल सकेंगी। प्रो. लाल ने बताया कि ये स्टोर मरीजों की जेब और स्वास्थ्य दोनों की रक्षा करेंगे। सस्ती दवाओं की यह सुविधा PGI को मरीजों के लिए और अधिक विश्वसनीय बनाती है।
सारंगपुर में नया मेडिकल कॉलेज
PGI का विस्तार केवल ऐप और दवाओं तक सीमित नहीं है। सारंगपुर में 987 करोड़ की लागत से एक नया सैटेलाइट सेंटर बन रहा है, जिसमें 100 सीटों वाला मेडिकल कॉलेज, 200 बेड का इमरजेंसी ब्लॉक और रोजाना ओपीडी होगी। इस साल के अंत तक शिलान्यास और अगले तीन वर्षों में निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। यह सेंटर चंडीगढ़ और आसपास के लाखों मरीजों के लिए नई उम्मीद लेकर आएगा।