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चंडीगढ़ पुलिस को मिले नए इजरायली हथियार, मेक इन इंडिया का असर

चंडीगढ़ पुलिस ने इजरायली तकनीक से निर्मित नए हथियारों का ऑर्डर दिया है, जो मेक इन इंडिया के तहत भारत की सुरक्षा को और मजबूत करेगा। इस कदम से न केवल पुलिस की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि देश की विदेशी हथियारों पर निर्भरता भी कम होगी। नए हथियारों में मसादा पिस्टल और यूजी-प्रो सब मशीन गन शामिल हैं, जो गैंगस्टरों और आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण साबित होंगे। जानें इन हथियारों की विशेषताएँ और मेक इन इंडिया का महत्व।
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चंडीगढ़ पुलिस को मिले नए इजरायली हथियार, मेक इन इंडिया का असर

चंडीगढ़ पुलिस की नई ताकत

चंडीगढ़ पुलिस के लिए नई तकनीक (चंडीगढ़): चंडीगढ़ पुलिस अब और अधिक सशक्त होने जा रही है! 'मेक इन इंडिया' के तहत इजरायली तकनीक से निर्मित हथियारों के लिए 96 लाख रुपये का ऑर्डर दिया गया है। इस ऑर्डर में मसादा पिस्टल और यूजी-प्रो सब मशीन गन (एसएमजी) शामिल हैं। यह कदम न केवल चंडीगढ़ पुलिस को आधुनिक बनाएगा, बल्कि भारत की विदेशी हथियारों पर निर्भरता को भी कम करेगा। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की पुलिस भी इन हथियारों को अपनाने की प्रक्रिया में हैं।


नए हथियारों की विशेषताएँ

हाईटेक हथियारों की विशेषताएँ

ये नए हथियार ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक दोनों मोड में कार्य करते हैं। यूजी-प्रो सब मशीन गन विभिन्न आकारों में उपलब्ध है, जिसमें कॉम्पैक्ट, मीडियम और लॉन्ग मॉडल शामिल हैं। इसका फोल्डेबल बट स्टॉक, असॉल्ट ग्रिप और साइलेंसर विकल्प इसे विशेष बनाते हैं। मसादा पिस्टल में गोलियों की जानकारी, बेहतर ग्रिप और बिल्ट-इन ट्रिगर सेफ्टी जैसे फीचर्स शामिल हैं। ये हथियार हल्के, सटीक और विशेष ऑपरेशनों के लिए अत्यधिक प्रभावी हैं। चंडीगढ़ पुलिस के पास पहले से 9mm, 5.56mm (इंसास), एके-47 और स्नाइपर जैसे हथियार हैं, लेकिन ये नए हथियार एक गेम-चेंजर साबित होंगे।


गैंगस्टरों और आतंकवादियों से मुकाबला

गैंगस्टरों और आतंकियों के खिलाफ तैयारी

चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में गैंगस्टर हाईटेक हथियारों का उपयोग कर रहे हैं। चूंकि यह क्षेत्र सीमा से सटा हुआ है, इसलिए आतंकवादी गतिविधियों का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में इजरायली तकनीक से बने ये हल्के और अत्याधुनिक हथियार पुलिस को मजबूती प्रदान करेंगे। गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश पर चंडीगढ़ पुलिस ने यह निर्णय लिया है। एक बैठक में यह तय किया गया कि विदेशी हथियारों को धीरे-धीरे हटाकर 'मेक इन इंडिया' के हथियारों को अपनाया जाएगा। हिमाचल पुलिस ने तीन महीने पहले इन हथियारों का परीक्षण भी किया था।


मेक इन इंडिया का महत्व

'मेक इन इंडिया' का महत्व

पूर्व डीजीपी अन्वेष मंगलम ने बताया कि 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' के तहत भारत में हथियारों का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। पहले भारत यूरोपीय देशों पर निर्भर था, लेकिन अब ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में नवीनतम तकनीक से हथियार बनाए जा रहे हैं। इससे देश के अरबों रुपये की बचत होगी। ये हथियार न केवल पुलिस के लिए, बल्कि सेना और पैरामिलिट्री बलों के लिए भी आवश्यक हैं, जो आतंकवाद और नक्सलवाद से लड़ाई में जुटे हैं। यह बदलाव भारत की शक्ति और नवाचार को दर्शाता है।